आरईसी की सहायक कंपनी आरईसीपीडीसीएल ने इंडिग्रिड 1 लिमिटेड और इंडिग्रिड 2 लिमिटेड के संघ को एसपीवी परियोजना के तहत ‘कल्लम ट्रांसमिशन लिमिटेड’ सौंपा

दैनिक समाचार

विद्युत मंत्रालय के क्षेत्राधिकार के तहत एनबीएफसी नवरत्न सीपीएसयू आरईसी लिमिटेड की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) ने 28 दिसंबर, 2021 को इंडिग्रिड 1 लिमिटेड और इंडिग्रिड 2 लिमिटेड के संघ को पारेषण परियोजना (ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट) के निर्माण के लिए निर्मित परियोजना विशिष्ट एसपीवी (विशेष प्रयोजन वाहन) के अंतर्गत महाराष्ट्र के उस्मानाबाद क्षेत्र में आरई (नवीकरणीय ऊर्जा) परियोजनाओं से विद्युत की निकासी (1 गीगावाट) के लिए पारेषण प्रणाली को सौंपा।

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बोली प्रक्रिया समन्वयक के रूप में इंडिग्रिड 1 लिमिटेड और इंडिग्रिड 2 लिमिटेड का संघ, भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय और आरईसीपीडीसीएल के अंतर-राज्यीय पारेषण परियोजना का सफल बोली लगाने वाला रहा है।

आरईसीपीडीसीएल के सीईओ श्री आर लक्ष्मणन और आरईसीपीडीसीएल के संयुक्त सीईओ श्री टीएससी बोस ने एसपीवी को इंडिग्रिड 1 लिमिटेड के श्री बिज्ञान पारिजा और इंडिग्रिड 2 लिमिटेड के श्री आदित्य किसलय को सौंपा है। इस अवसर पर आरईसीपीडीसीएल, इंडिग्रिड 1 लिमिटेड और इंडिग्रिड 2 लिमिटेड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने अधिसूचित मानक बोली दस्तावेजों और दिशा-निर्देशों के अनुरूप ट्रांसमिशन डेवलपर्स के चयन के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया के जरिए सफल बोलीदाता का चयन किया था। इस तहत कल्लम में 400/220 केवी सब-स्टेशन और 400 केवी डबल सर्किट परली-पुणे ट्रांसमिशन लाइन के एलआईएलओ का निर्माण शामिल है। इस परियोजना को 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में: आरईसी लिमिटेड एक नवरत्न एनबीएफसी है, जो कि पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र के वित्त पोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। 1969 में स्थापित आरईसी लिमिटेड ने अपने परिचालन के क्षेत्र में पचास वर्षों से अधिक का समय पूरा किया है। यह राज्य विद्युत बोर्डों, राज्य सरकारों, केंद्र/राज्य विद्युत कंपनियों, स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों, ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में संपूर्ण विद्युत क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में वित्तीय परियोजनाएं और विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं में उत्पादन, पारेषण, वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं। आरईसी के वित्त पोषण से भारत में हर चौथा बल्ब रोशन होता है।

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