विश्वस्तरीय शिक्षक तैयार करने के लिए दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय होगा देश में अपनी तरह का पहला संस्थान- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय देश में टीचर ट्रेनिंग का नया मानक करेगी स्थापित, तैयार होंगे वर्ल्ड-क्लास टीचर्स- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
‘शिक्षक के दम पर शिक्षा व शिक्षा के दम पर देश’ के मंत्र का पालन कर शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ रही है केजरीवाल सरकार: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी हर साल तैयार करेगी हजारों प्रोफेशनल टीचर्स जो शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने का करेंगे काम-उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में टीचर बनने को इच्छुक उन युवाओं के लिए भी चलाया जाएगा 1 साल का खास डिप्लोमा प्रोग्राम जो हायर एजुकेशन लेने के बाद शिक्षक बनने के होंगे इच्छुक- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
बक्करवाला गांव में 12 एकड़ जमीन पर विश्वस्तरीय दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी करेगी शुरुआत, 5,000 सीटों के साथ इस साल सत्र 2022-23 के लिए शुरू होगा एडमिशन
03 जनवरी, नई दिल्ली
केजरीवाल सरकार दिल्ली के शिक्षा मॉडल में मजबूती प्रदान करने और पूरे देश में क्वालिटी टीचर-एजुकेशन का एक नया मापदंड तैयार करने के लिए दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय की स्थापना कर रही है| सोमवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में सदन के समक्ष दिल्ली शिक्षक विधेयक 2022 पेश किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वस्तरीय शिक्षक तैयार करने के लिए दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय देश में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा। दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी का मूल उद्देश्य टीचर ट्रेनिंग में ऐसे मानक स्थापित करना है कि जब देश में कही भी टीचर एजुकेशन इंस्टिट्यूट की बात की जाए तो लोग दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी का उदहारण दे| उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के विज़न को पूरा करते हुए दिल्ली सरकार भी ‘शिक्षक के दम पर शिक्षा व शिक्षा के दम पर देश’ के फार्मूला का पालन कर रही है| और ऐसी शानदार टीचर यूनिवर्सिटी स्थापित करने जा रही है जहाँ शिक्षकों को विश्वस्तरीय ट्रेनिंग देकर शिक्षा के नए आयाम गढ़े जाएंगे|
उपमुख्यमंत्री ने अपने अभिभाषण में कहा कि विश्वस्तरीय शिक्षक तैयार करने के लिए दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय देश में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा जहां शिक्षकों की विश्वस्तरीय ट्रेनिंग होगी। देश में इंजीनियरिंग के लिए आईआईटी, प्रबंधन के लिए आईआईएम और पत्रकारिता के लिए आईआईएमसी जैसे संस्थान बने लेकिन टीचर्स ट्रेनिंग के लिए कोई इस तरह का संस्थान नहीं बना। केजरीवाल सरकार ने शिक्षा पर काम करते हुए इस बात की गंभीरता को समझा और अब एक ऐसा संस्थान दिल्ली में बनने जा रहा है जो देश भर के लिए ऐसे शिक्षक बनाएगा जो देश में शिक्षा को एक अलग मुकाम देंगे। उन्होंने कहा कि बिल को सदन में पेश करने का मूल उद्देश्य टीचर-एजुकेशन के ऐसे मानक तैयार करना है कि जब देश में कही भी टीचर एजुकेशन इंस्टिट्यूट की बात की जाए तो लोग दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी का उदहारण दे| उन्होंने कहा दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी केवल एक बीएड करवाने वाली संस्था नहीं होगी बल्कि इसके पीछे एक विज़न है| आज जब इंजीनियरिंग की बात की जाती है तो देश में हजारों इंजीनियरिंग संस्थान है पर लोग एक स्वर में आईआईटी का नाम लेते है क्योंकि आईआईटी ने न केवल शानदार इंजिनियर तैयार करने का काम किया है बल्कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई का एक मानक भी तैयार किया है| ठीक इसी तरह आईआईएम ने न केवल एमबीए की डिग्री देने का काम किया है बल्कि मैनेजमेंट की पढ़ाई का मानक तैयार किया है| यही कारण है कि आईआईएम से निकले छात्र आज विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियों को चला रहे है| श्री सिसोदिया ने कहा कि देश में आजतक टीचर ट्रेनिंग के लिए कोई भी ऐसा इंस्टिट्यूट तैयार नहीं किया गया है जो टीचर-एजुकेशन के लिए मानक स्थापित किया जा सके| दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय इस कमी को पूरा करेगा और पूरे देश में क्वालिटी टीचर ट्रेनिंग का उदाहरण बनकर उभरेगा|
केजरीवाल सरकार का विज़न- ‘शिक्षक के दम पर शिक्षा व शिक्षा के दम पर देश’
श्री सिसोदिया ने कहा कि दुनिया के विकसित देशों के विकास में शिक्षा व शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है| आज पूरे विश्व में फ़िनलैंड के एजुकेशन मॉडल की चर्चा की जाती है| फ़िनलैंड ने अपने स्कूलों से इंस्पेक्टर के पदों को समाप्त कर वहां टीचर्स ट्रेनिंग पर काम किया और आज क्वालिटी एजुकेशन के मामले में फ़िनलैंड शीर्ष पर है| उन्होंने बताया कि सिंगापूर में वहां की टीचर यूनिवर्सिटी देश के सबसे प्रतिभाशाली युवाओं को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित करती है वहीँ जापान में शिक्षक के पद को सिविल सर्वेंट से भी ज्यादा सम्मान मिलता है| मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के विज़न को पूरा करते हुए दिल्ली सरकार भी ‘शिक्षक के दम पर शिक्षा व शिक्षा के दम पर देश’ के फार्मूला का पालन कर रही है| और ऐसी शानदार टीचर यूनिवर्सिटी स्थापित करने जा रही है| जहाँ शिक्षकों को क्वालिटी टीचर ट्रेनिंग देकर शिक्षा के नए आयाम गढ़े जाएंगे|
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश में प्रतिभाशाली शिक्षक तो है लेकिन ट्रेनिंग संस्थानों की कमी है| दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी इस कमी को पूरा करने का काम करेगी और हर साल यहाँ से हजारों प्रोफेशनल टीचर्स निकलेंगे जो शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम करेंगे| उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विज़न के आधार पर दिल्ली शिक्षक यूनिवर्सिटी का खाका तैयार किया है| और ये बेहद गर्व की बात है कि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए टीचर ट्रेनिंग की ज़रूरतों को पूरा करने वाली पहली देश की पहली यूनिवर्सिटी होगी| उन्होंने बताया कि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में हर साल शिक्षकों की ज़रूरतों को देखते हुए सीटें बढाई जाएगी| यहां प्री-सर्विस के साथ-साथ इन-सर्विस टीचर ट्रेनिंग के लिए भी शानदार मापदंड तैयार किए जाएंगे| यहाँ 4 साल के इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम के साथ नियमित बीएड, बीएलएड कोर्स भी चलाए जाएंगे| साथ ही यहां उन युवाओं के लिए भी 1 साल का डिप्लोमा प्रोग्राम चलाया जाएगा जो टीचर बनने के इच्छुक है, उनमे पढ़ाने को लेकर पैशन है लेकिन सिस्टम के नियमों के कारण वो आधिकारिक रूप से इसका हिस्सा नहीं बन पाते और करियर के रूप में नहीं अपना पाते|
श्री सिसोदिया ने कहा कि देश के 3 लाख स्कूलों में टीचर्स की कमी है और पूरे देश में लगभग 11 लाख शिक्षकों की कमी है| दिल्ली के सन्दर्भ में दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ सालों में हजारों नए क्लासरूम का निर्माण किया है| और लगभग 15 हज़ार टीचर्स की पोस्ट क्रिएट की है| दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के माध्यम से दिल्ली सरकार का उद्देश्य टीचर्स की कमी को भी पूरा करना है| उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की जे.एस. वर्मा कमिटी ने 2012 में कहा था कि “देश में 10,000 से ज्यादा टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट ऐसे है जो केवल स्टूडेंट्स को टीचिंग की डिग्री देने का काम करते है’| लेकिन इसके विपरीत दिल्ली टीचर यूनिवर्सिटी केवल डिग्री देने का काम नहीं करेगा बल्कि क्वालिटी का ध्यान रखते हुए प्रोफेशनल टीचर्स तैयार करेगा|
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्त्व में दिल्ली सरकार शिक्षा को देश की मूलभूत आवश्यकता मान कर उसपर काम कर रही है| और पिछले 7 सालों में दिल्ली के कुल बजट का लगभग 25% शिक्षा पर व्यय कर रही है| इसी का नतीजा है कि दिल्ली के एजुकेशन मॉडल से सीखने के लिए देश और दुनिया भर के लोग आ रहे है| उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली शिक्षा क्रांति का आधार दिल्ली के शिक्षक है| सरकार ने उन्हें थोड़ी सुविधा दी, देश-विदेश में सीखने के लिए एक्सपोज़र दिया और शिक्षकों ने दिल्ली की शिक्षा में क्रांति ला दी| अब दिल्ली टीचर यूनिवर्सिटी टीचर ट्रेनिंग के क्षेत्र में भी मानक स्थापित कर क्वालिटी टीचर ट्रेनिंग का उदाहरण बनेगा|
कैसी होगी दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी
दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के लिए केजरीवाल सरकार टीचर-एजुकेशन क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को लाने पर भी काम कर रही है जिन्होंने विदेशी विश्वविद्यालय के साथ काम किया है| ये टीचर-एजुकेटर्स दुनिया की बेस्ट प्रैक्टिसेज की मदद से दिल्ली में भविष्य के शिक्षकों को तैयार करेंगे| यूनिवर्सिटी प्री-सर्विस और इन-सर्विस टीचर्स दोनों की प्रोफेशनल जरूरतों को पूरा करेगी। स्टूडेंट्स को सम्मेलनों और इंटरैक्टिव सेशन के साथ दुनिया भर के टीचर्स के साथ जुड़ने का अवसर भी दिया जाएगा| केजरीवाल सरकार का विज़न है कि यूनिवर्सिटी टीचर-एजुकेशन में एक मील का पत्थर बने और यहाँ से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक निकले| यूनिवर्सिटी शिक्षकों की नई पीढ़ी को विकसित करने में मदद करने के लिए 4 साल के इंटीग्रेटेड बीए-बीएड, बीएससी-बेड जैसे टीचर-एजुकेशन प्रोग्राम ऑफर करेगा।
स्टेट ऑफ़ आर्ट फैसिलिटीज से लैस होगा 12 एकड़ में फैला दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी
दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी 12 एकड़ भूमि में फैला होगा। इसमें लेक्चर हॉल, डिजिटल लैब और वर्ल्ड-क्लास फैसिलिटीज वाला एक पुस्तकालय होगा। चार मंजिला मेन यूनिवर्सिटी ब्लाक को दो भागों में बांटा गया है- प्रशासनिक तल और शिक्षा तल। भूतल पर प्रशासन कार्यालय होगा, जबकि प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तल पर कक्षाएं संचालित होंगी। वर्तमान में यूनिवर्सिटी ब्लॉक शुरू होने के लिए तैयार है और यूनिवर्सिटी के अन्य ब्लॉक भी जल्द पूरा हो जाएंगे|