मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमार देब जी के इस अभियान के कारण न केवल त्रिपुरा के युवा नशे से मुक्त हुए हैं परंतु देशभर में ड्रग्स आने का सबसे बड़ा रास्ता बंद हो गया है और इस नशा मुक्ति अभियान का सबसे बड़ा फायदा जनजाति समाज को हुआ है
2018 से पीएम जी और सीएम बिप्लब देब जी के नेतृत्व में चल रही डबल इंजन की सरकार के कारण आमूलचूल परिवर्तन हुआ है और N-नीयत, N-नीति और N-नियम – इन 3N के साथ त्रिपुरा की सरकार आगे बढ़ी है
कोरोना के दौरान त्रिपुरा सरकार ने बहुत अच्छा काम किया, टीकाकरण अभियान भी बहुत अच्छी तरीके से चलाया गया है, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कई काम हुए है
मोदी जी के नेतृत्व में त्रिपुरा ने एक नए युग की शुरुआत की है और सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बात है कि आज जो लक्ष्य- 2047 जारी किया गया है वह त्रिपुरा का कायाकल्प करने वाला एक दस्तावेज है
मैं त्रिपुरा के सभी युवाओं से अपील करता हूं कि वे अब त्रिपुरा की विकास यात्रा में जुड़ें, मोदी जी के नेतृत्व में भारत की विकास यात्रा में जुड़ें, और भारत जब आज़ादी की शताब्दी मनाएगा, तब त्रिपुरा देश का सबसे विकसित राज्य बने
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज 50वें त्रिपुरा दिवस समारोह को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का एक विडियो संदेश भी दिखाया गया जिसमे उन्होने त्रिपुरा के लोगों को राज्य के 50वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। समारोह में त्रिपुरा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य और मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमार देब समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने अपने संबोधन की शुरूआत सभी त्रिपुरावासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देकर और मां त्रिपुरा सुंदरी को नमन करके की। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के साथ ही आज मेघालय और मणिपुर के स्थापना दिवस पर तीनों राज्यों के लोगों को हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ। त्रिपुरा भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण राज्य है जिसका एक गौरवशाली इतिहास है और आज राज्य के 50 वर्ष पूर्ण होने पर हमें संकल्पना करनी चाहिए कि 25 साल बाद त्रिपुरा कहां होगा। श्री शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने संकल्प-2047 के माध्यम से त्रिपुरा की जनता के सामने एक लक्ष्य रखा है। आज भारत सरकार के डाक विभाग ने राज्य का स्मारक डाक टिकट भी जारी किया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के विभाजन के समय से त्रिपुरा ने अनेक विभीषिकाओं को झेला और उस वक़्त महाराजा वीरविक्रम किशोर माणिक्य भारत संघ के साथ जुड़े। विभाजन के समय त्रिपुरा के महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य पहले ऐसे राजा थे जिन्होंने भारतीय संघ के साथ जुड़ने की घोषणा की। जब से अंग्रेज़ों ने फूट डालो और शासन करो की नीति अपनाना शुरू किया, उन्होंने सबसे पहले भारतीय संघ का समर्थन किया। जब आततायी पूर्वी पाकिस्तान की ओर से त्रिपुरा में घुसने लगे, तब महारानी कंचनप्रभा जी ने सरदार पटेल से बात करके मदद मांगी थी और सरदार पटेल ने असम से वायु सेना भेजकर त्रिपुरा की मदद की थी। आज त्रिपुरा के स्थापना दिवस पर मैं सरदार पटेल को भी याद करता हूं जिनके त्वरित और दूरदर्शी निर्णय के कारण आज त्रिपुरा महान भारत का एक हिस्सा है। महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य जी का बहुत बड़ा योगदान त्रिपुरा के पिंड बनाने में रहा है। रुद्रसागर तालाब हो, नीरमहल हो, शिक्षा के लिए सैकड़ों एकड़ ज़मीन दान करनी हो, अगरतला का हवाईअड्डा बनाना हो, हर क्षेत्र में राजा साहब ने त्रिपुरा के विकास की नींव डाली और इसीलिए राजा साहब की स्मृति में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अगरतला हवाई अड्डे का नाम राजा साहब के नाम पर रखा है। 438 करोड़ रूपयों की लागत से एक भव्य और अत्याधुनिक हवाईअड्डा बनाने का काम त्रिपुरा में हुआ है। प्रतिभा को बढ़ावा देने का सबे बड़ा उदाहरण हैं भारत के श्रेष्ठ वैज्ञानिक जगदीशचन्द्र बोस। उन्हें अगर त्रिपुरा के महाराजा आर्थिक सहयोग ना देते तो वो शायद विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया और देश में इतना गौरव प्राप्त ना कर पाते।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज यहां लक्ष्य -2047 जारी किया गया है और ये सिर्फ़ एक 50 पन्नों का दस्तावेज़ नहीं है। ये त्रिपुरा की जनता की आशाओं और आकांक्षाओं का चित्रण है, इसमें त्रिपुरा के भविष्य का ख़ाका है। आने वाली पीढ़ियां, विशेषकर युवा कैसा त्रिपुरा बनाएंगे और इसके विकास में कैसा योगदान देंगे, ये उसका एक ख़ाका है। इसमें मुख्यत: छह क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं – कृषि, सामाजिक समरसता, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, उद्योग और निवेश, प्रशासनिक सुधार, और दूरसंचार और रसद – और इन सारे क्षेत्रों में किस प्रकार त्रिपुरा आगे बढ़ेगा इसका एक ख़ाका रखा गया है। देश के प्रधानमंत्री जी ने देश की 130 करोड़ जनता के सामने आज़ादी के अमृत महोत्सव के समय आने वाले 25 साल के कालखंड को संकल्प का कालखंड बताया है, क्योंकि आज ही भारत की जनता को तय करना होगा कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, उस वक़्त भारत कहां होगा, हर क्षेत्र में हम कहां होंगे। ये 25 साल प्रत्येक भारतवासी और त्रिपुरावासी के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करने के 25 वर्ष हैं। अगर देश को दुनिया में अपना स्थान सुनिश्चित करना है तो इन 25 सालों को संकल्प के काल के रूप में मानकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि देश लंबे समय तक ग़ुलाम रहा लेकिन अब जब देश आज़ाद है तो ग़ुलामी के कारण जितना हम पिछड़े हैं उसकी क्षतिपूर्ति करने के ये 25 साल हैं। ये लक्ष्य-2047 दस्तावेज़ त्रिपुरा को महान, विकसित, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बहुत बड़ा काम करेगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच की दूरी कम करने और एक मानसिकता को बदलने का प्रयास किया है। पूरा पूर्नोत्तर किवसित हो इसीलिए उन्होंने आठों राज्यों को अष्टलक्ष्मी का नाम देकर उनके विकास का संकल्प लिया है। एक ज़माने में पूर्वोत्तर भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता था, लेकिन आज आठों राज्यों में नेडा की सरकारें है और दिल्ली से भेजा गया पूरा पैसा विकास में ख़र्च होता है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में भी कई विकास कार्य हुए हैं। त्रिपुरा को पूर्वोत्तर के गेट-वे के रूप में विकसित करने का भी काम हो रहा है। सड़क और रेल से जुड़ी दर्जनों परियोजनाओं और बांग्लादेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय वाटरवे कनेक्टिविटी के कारण आने वाले दिनों में त्रिपुरा में बहुत निवेश आएगा। अगरतला-अखौरा रेल लिंक का काम भी तेज़ी से चल रहा है। हमारी त्रिपुरा सरकार ने शांति और स्थिरता लाने का बहुत बड़ा प्रयास किया है। आज उग्रवाद, घुसपैठ, ब्लॉकेड, ड्रग, आर्म्स ट्रैफ़िकिंग, भ्रष्टाचार, जातीय तनाव की जगह विकास, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पोर्ट्स, निवेश, और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना, इस दिशा में त्रिपुरा आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2019 में एनएलएफ़टी के साथ समझौता करके भारत सरकार और त्रिपुरा सरकार ने बहुत बड़ा काम किया, जिससे आज एक अशांति का वातावरण समाप्त हो गया है। 100 करोड रुपए का पैकेज दिया गया और 40 करोड रुपये त्रिपुरा सरकार को जारी भी कर दिए गए हैं। ब्रू समझौते में भारत सरकार ने बहुत बड़ा पैकेज देकर लगभग 37,000 लोगों की 30 साल पुरानी समस्या का समाधान करने का काम किया है और ब्रू शरणार्थी अब राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होकर भारत और त्रिपुरा के विकास में योगदान देने को अग्रसर हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि कम्युनिस्ट शासन ने त्रिपुरा को पिछड़ा राज्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और प्रतिद्वंदियों के ख़िलाफ़ हिंसा ही कम्युनिस्टों की राजनीति रही। कभी भी विकास के दृष्टिकोण से सरकारें चली ही नहीं और त्रिपुरा जैसा महत्वपूर्ण राज्य दो दशक तक विकास से वंचित रहा। लेकिन त्रिपुरा ने मोदी जी में विश्वास रखते हुए पूर्ण बहुमत वाली हमारी सरकार बनाई और आज त्रिपुरा विकास के रास्ते पर चल रहा है। इन दो दशकों में हमारी पार्टी के साढे चार सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं पर हमले हुए, कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, कई लोग अपने ही राज्य में, अपने ही देश में बेसहारा होकर शरणार्थी बनकर रहे। लेकिन आज इन सबके प्रयास और तपस्या का सुफल मिलने लगा है और त्रिपुरा विकास के रास्ते पर चलने लगा है। त्रिपुरा में हमारी पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमार देब जी ने नशा मुक्त त्रिपुरा अभियान चलाया और पिछली राज्य सरकार के समर्थन से चल रही नशे की तस्करी पर सख़्ती की। त्रिपुरा अब ड्रग तस्करों के लिए सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमार देब जी के इस अभियान के कारण न केवल त्रिपुरा के युवा नशे से मुक्त हुए हैं परंतु देशभर में ड्रग्स आने का सबसे बड़ा रास्ता बंद हो गया है। जिस दृढ़ता के साथ त्रिपुरा ने इस को हाथ में लिया है, नशीले पदार्थ से जुड़े सैकड़ों मामले दर्ज किए हैं, नशीली टेबलेट और हेरोइन जब्त की गई है, कुछ ऐसी दवाइयां बनाई जाती थी उसको रोकने का काम किया है और इस नशा मुक्ति अभियान का सबसे बड़ा फायदा जनजाति समाज को हुआ है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2018 से पीएम जी और सीएम बिप्लब देब जी के नेतृत्व में चल रही डबल इंजन की सरकार के कारण आमूलचूल परिवर्तन हुआ है और N-नीयत, N-नीति और N-नियम – इन 3N के साथ त्रिपुरा की सरकार आगे बढ़ी है। 2017-18 में त्रिपुरा की प्रति व्यक्ति आय 1,00,000 रूपए थी, तीन सालों में 2020-21 में एक लाख से बढ़कर 1,30,000 रूपए हुई है। शायद किसी भी राज्य में 30% की वृद्धि नहीं हुई है। किसानों की मासिक आय 2015-16 में 6580 रूपए थी और 2020-21 में बढ़कर 11,096 रूपए हो गई है। मोदी जी ने किसानों की आय दोगुनी करने का जो संकल्प रखा था उसको त्रिपुरा सरकार ने सिद्ध किया है। लगभग 2000 करोड रूपए का निवेश राज्य में आया है, सिर्फ आईटी सेक्टर में 1000 करोड़ रूपए का इन्वेस्टमेंट आया है। सबसे बड़ी बात है कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी हुई है। गंभीर गुनाहों में 26% की कमी शायद ही किसी राज्य ने 2 साल के अंदर हासिल की हो। कृषि के क्षेत्र में त्रिपुरा में ढेर सारी उपलब्धियां हासिल हुई हैं। लगभग 86,000 हेक्टेयर भूमि को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कवर किया गया।
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत ढाई लाख किसानों को प्रति वर्ष 6000 रूपए सीधे उनके बैंक अकाउंट में प्रधानमंत्री जी भेजते हैं जिससे छोटे किसानों को लोन लेने की जरूरत नहीं होती। त्रिपुरा राज्य की स्थापना के बाद पहली बार 41,000 किसानों से 72000 मीट्रिक टन धान 130 करोड़ रुपए का भुगतान कर खरीदा गया है। जैविक खेती में भी त्रिपुरा आगे बढ़ रहा है और लगभग 15,000 हेक्टेयर क्षेत्र में अनानास, सुगंधित चावल, अदरक, हल्दी और मिर्ची उगाई गई है। आने वाले दिनों में जैविक खेती का महत्व बहुत बढ़ने वाला है और पूरी दुनिया में ऑर्गेनिक फ़ूड की डिमांड जिस तरह से बढ़ रही है, जो बेस बनाने का काम किया है इस पर एक बहुत मजबूत इमारत होगी और किसानों को ऑर्गेनिक प्रोडक्ट होने के कारण लगभग दोगुना भाव मिलने की संभावनाएं है। मोदी जी ने जो ट्रेन चालू की है किसानों के लिए, उस ट्रेन से किसानों का उत्पाद दिल्ली तक बहुत सरलता से पहुंच सकता है। बांस की खेती को बेस बनाकर लगभग 10,000 बांस कारीगरों को प्रशिक्षित करने का काम भी हुआ है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7,00,000 गरीब परिवारों को घर देने का काम आगे बढ़ा है। जबसे कोरोना आया तब से हर परिवार को प्रति व्यक्ति पांच किलो राशन मुफ़्त नरेंद्र मोदी सरकार दे रही है। कोरोना के दौरान त्रिपुरा सरकार ने बहुत अच्छा काम किया। टीकाकरण अभियान भी बहुत अच्छी तरीके से चलाया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कई काम हुए है। छह राष्ट्रीय राजमार्गों को 542 किलोमीटर की मंजूरी दी गई है और इसका काम भी चल रहा है। छह एक्सप्रेस ट्रेन अगरतला से देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रही हैं। प्रधानमंत्री जी की सौभाग्य योजना के तहत 1,36,000 घरों में पहली बार आजादी के बाद रोशनी पहुंचाने का काम भी हो रहा है। अटल जलधारा मिशन के अंतर्गत निशुल्क कनेक्शन देने का भी काम हुआ है और लगभग पूरे त्रिपुरा में हर घर में शुद्ध पीने का पानी नल द्वारा पहुंचे इसका भी खाका तैयार किया गया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एक नए युग की शुरुआत मोदी जी के नेतृत्व में त्रिपुरा ने की है और सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बात है कि आज जो लक्ष्य- 2047 जारी किया गया है वह त्रिपुरा का कायाकल्प करने वाला एक दस्तावेज है। उन्होंने त्रिपुरा के सभी युवाओं से अपील की कि वे अब त्रिपुरा की विकास यात्रा में जुड़ें, मोदी जी के नेतृत्व में भारत की विकास यात्रा में जुड़ें, और भारत जब आज़ादी की शताब्दी मनाएगा, तब त्रिपुरा देश का सबसे विकसित राज्य बने।
*****