आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनने के बाद हर सरकारी दफ्तर में बाबा साहब अंबेडकर और शहीद-ए- आजम भगत सिंह की तश्वीरें लगाई जाएंगी- अरविंद केजरीवाल

दैनिक समाचार
  • बाबा साहब और भगत सिंह की तश्वीर देखकर हम लोग और आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सकेंगी- अरविंद केजरीवाल
  • हम जितनी बार बाबा साहब और भगत सिंह की तश्वीर देखेंगे, उनका संघर्ष, उनकी कुर्बानी और उनके विचार याद आएंगे- अरविंद केजरीवाल
  • दिल्ली सरकार की तरह ही पजाब सरकार भी बाबा साहब और भगत सिंह के विचारों पर चलेगी- अरविंद केजरीवाल
  • मैंने दिल्ली में भी हर सरकारी दफ्तर में बाबा साहब और भगत सिंह की तश्वीर लगाने का एलान किया है- अरविंद केजरीवाल
  • बाबा साहब और भगत सिंह के रास्ते अलग-अलग थे, लेकिन दोनों की मंजिल एक थी- अरविंद केजरीवाल
  • दोनों चाहते थे कि देश आजाद होने के बाद सबको अच्छी शिक्षा व अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिले और देश में खूब तरक्की हो- अरविंद केजरीवाल
  • दोनों ही यह चाहते थे कि जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव न हो और सबको बराबरी का हक मिले- अरविंद केजरीवाल
  • कोई अपनी जिंदगी में सफल होता है, तो यह इस बात पर निर्भर नहीं होना चाहिए कि वह किस जाति में पैदा हुआ है- अरविंद केजरीवाल
  • आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद पंजाब के सरकारी दफ्तरों में बाबा साहब और भगत सिंह की तश्वीर लगाने का फैसला ऐतिहासिक है- भगवंत मान

नई दिल्ली/पंजाब, 30 जनवरी, 2022

आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनने के बाद हर सरकारी दफ्तर में सीएम या किसी नेता की तश्वीर नहीं लगाई जाएगी, बल्कि बाबा साहब अंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तश्वीर लगाई जाएगी, ताकि हम लोग और आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सकें। हम जितनी बार उनकी तश्वीर देखेंगे, उनका संघर्ष, उनकी कुर्बानी और उनके विचार याद आएंगे। दिल्ली सरकार की तरह ही पजाब सरकार भी बाबा साहब और भगत सिंह के विचारों पर चलेगी। पंजाब दौरे पर आए ‘आप’ संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अमृतसर में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आज यह घोषणा की। ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि बाबा साहब और भगत सिंह के रास्ते अलग-अलग थे, लेकिन दोनों की मंजिल एक थी। दोनों चाहते थे कि देश आजाद होने के बाद सबको अच्छी शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं मिले और देश में खूब तरक्की हो। जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव न हो और सबको बराबरी का हक मिले। दोनों ही यह चाहते थे कि कोई अपनी जिंदगी में सफल होता है, तो यह इस बात पर निर्भर नहीं होना चाहिए कि वह किस जाति में पैदा हुआ है।

देश को आजादी दिलाने वालों की कुर्बानियों और उनके विचारों को हम भूलते जा रहे हैं, पूरे सिस्टम पर गंदी राजनीति हावी हो गई है- अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पंजाब के अमृतसर में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान पंजाब में आम आदमी पार्टी के सीएम चेहरा एवं सांसद भगवंत मान भी मौजूद रहे। ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश को आजाद हुए 75 साल हो गए। हमें आजादी बड़ी मुश्किल से मिली थी। बहुत लोगों ने अपनी जान की कुर्बान की थी। बहुत लोगों ने लंबा संघर्ष किया था, उसके बाद आजादी मिली थी। लेकिन धीरे-धीरे हम उन लोगों की कुर्बानियों, उनके संघर्षों और विचारों को भूलते जा रहे हैं। पूरे के पूरे सिस्टम के उपर गंदी राजनीति हावी होती जा रही है।

आजादी दिलाने के लिए बहुत लोगों ने कुर्बानियां दी और किसी भी कुर्बानी को कम नहीं आंक सकते- अरविंद केजरीवाल

‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजादी दिलाने के लिए बहुत लोगों ने कुर्बानियां दी और किसी भी कुर्बानी और किसी भी संघर्ष को कम नहीं आंक सकते। लेकिन फिर भी जितने लोगों ने कुर्बानियां दी और संघर्ष किया, उनको सबको अगर देखें, तो दो सख्सियत ऐसी नजर आती हैं, जो एक तरह से पूरे आजादी के आंदोलन का प्रतिनिधित्व करती हैं और वो हैं बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद-ए- आजम भगत सिंह। ये दो सख्सियत ऐसी थीं, जो एक तरह से जितने भी आबादी के सेनानी हुए, उन सबका प्रतिनिधित्व करते हैं। बाबा साहब अंबेडकर के हम केवल फैन ही नहीं है, बल्कि हम उनके भक्त हैं और उनकी पूजा करते हैं। आईनस्टाइन ने महात्मा गांधी के लिए कहा था, ‘‘आने वाली पीढ़ियां यह यकीन नहीं करेंगी कि हाड़-मांस का ऐसा सख्स पृथ्वी के उपर कभी पैदा हुआ था।’’ यह बात मैं बाबा साहब अंबेडकर के लिए कहना चाहता हूं कि बाबा साहब का जो संघर्ष था, जो उन्होंने जिंदगी में हासिल किया है। उस पर मेरा अपना मानना है कि आज हम लोग उनके विचार और संघर्ष के बारे में जितना पढ़ते हैं, यह यकीन नहीं होता है कि ऐसा व्यक्ति जमीन पर आया था।

बाबा साहब ने अपनी जिंदगी में शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया- अरविंद केजरीवाल

‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब एक बहुत गरीब घर में जन्में थे। वे महार जाति से आते थे। उस समय महार जाति को बहुत ज्यादा अछूत माना जाता था। बाबा साहब ने छुआछूत का सामना किया। क्लास में जाते थे, तो उनको बाहर बैठा दिया जाता था और उनको क्लास में नहीं घुसने दिया जाता था। उनके घर में खाने को नहीं था। वे कई भाई-बहन थे। एक छोटे से गांव से निकल कर वो सख्स अमेरिका और लंदन से दो पीएचडी की डिग्री लेकर आता है। मैं सोच रहा था कि 1914-15 में इंटरनेट नहीं था, कोई जानकारी नहीं थी, उनको पता कैसे चला होगा कि अमेरिका में कोई कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी है, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स है। वहां फार्म कैसे भरते हैं, फार्म कैसे मिलते हैं। उन्होंने स्कॉलरशिप का इंतजाम किया और वहां गए, दो पीएचडी की। आज के जमाने में विदेश से एक पीएचडी करना मुश्किल है। लेकिन उन्होंने दो-दो पीएचडी की। कई विषयों में उन्होंने मास्टर की डिग्री ली। उसके बाद देश का संविधान लिखे और देश के पहले कानून मंत्री बने। उन्होंने अपनी जिंदगी में शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया। बाबा साहब और शहीद-ए-आजम भगत सिंह के रास्ते अलग-अलग थे। लेकिन उनकी मंजिल एक ही थी। दोनों ही चाहते थे कि देश आजाद होने के बाद सबको अच्छी शिक्षा मिले, सबको अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिले, देश के अंदर खूब तरक्की हो। जाति-पात या धर्म के आधार पर भेदभाव न हो। सबको बराबरी का हक मिले, कोई अपनी जिंदगी में सफल होता है, यह इस बात पर निर्भर नहीं होना चाहिए कि वह किस जाति में पैदा हुआ है।

शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में देश के नाम अपनी जान कुर्बान कर दी- अरविंद केजरीवाल

‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 23 साल की उम्र में एक आदमी सोच रहा होता है कि मैं क्या बनूंगा। एक अच्छी लड़की मिलेगी, शादी करूंगा, बच्चे होंगे। जबकि, शहीद-ए- आजम भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में देश के नाम अपनी जान कुर्बान कर दी। दिल्ली में अभी मैंने 26 जनवरी के मौके पर एलान किया था कि दिल्ली सरकार के हर दफ्तर में बाबा साहब अंबेडकर और शहीद-ए- आजम भगत सिंह की तश्वीरें लगाई जाएंगी। आज हम यह ऐलान करते हैं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद पंजाब सरकार के किसी भी दफ्तर में सीएम की या किसी भी नेता की फोटो नहीं लगाई जाएगी, बल्कि दफ्तर में बाबा साहब अबंडेकर और शहीद-ए- आजम भगत सिंह की तश्वीर लगाई जाएगी। ताकि उनको देख कर हम लोग, हमारी पीढी और आने वाली पीढ़ी प्रेरणा ले सके। हम जितनी बार उनकी तश्वीर देखेंगे, उनका संघर्ष याद आएगा, उनकी कुर्बानी और उनके विचार याद आएंगे। मैंने ऐलान किया था कि दिल्ली सरकार बाबा साहब और शहीद-ए- आजम भगत सिंह के विचारों पर चलेगी। उसी तरह पजाब सरकार भी बाबा साहब और शहीद-ए-आजम भगत सिंह के विचारों पर चलेगी।

हम सरकारी दफ्तरों में उन लोगों की तश्वीरें लगाना चाहते हैं, जिन्होंने देश को आजाद कराया- भगवंत मान

पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा एवं सांसद भगवंत मान ने कहा कि यह बहुत ही ऐतिहासिक फैसला है। आमतौर पर हम सब देखते हैं कि सरकारी दफ्तरों में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की फोटो लगती है। हम सरकारी दफ्तरों में उन लोगों की तश्वीरें लगाना चाहता हैं, जिन्होंने देश को आजाद कराया। आजादी के बाद पिछले 70 सालों में देश को जितना लुटा गया, अंग्रेज भी शायद शर्मिंदा हो रहे होंगे कि उन्होंने ने तो 200 साल में भी इतना नहीं लूटा। शहीद-ए-आजम भगत सिंह नें देश को आजादी दिलाई और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान लिखकर उस आजादी की ब्याख्या की थी कि सभी को समान अधिकार होंगे। कोई जाति-पात नहीं होगी। सब समान होंगे। मुझे इस घोषणा पर बहुत खुशी है कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद पंजाब के सरकारी दफ्तरों में बाबा साहब और भगत सिंह की तश्वीरें लगाई जाएंगी। मैं दोनों का ही बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। इन्हें लाखों लोग फॉलो करते हैं।

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