- केजरीवाल सरकार, दिल्ली में अर्बन फार्मिंग को बढ़ावा देने को लेकर मेगा राउंड टेबल कांफ्रेंस आयोजित करेगी
- दिल्लीवासी अपने दैनिक जीवन में रासायनिक उत्पादों के अधिक खपत को कम करके और अर्बन फार्मिंग के माध्यम से स्वास्थ्य सुधार करने में सक्षम होंगे- गोपाल राय
- इस पहल को जन आंदोलन बनाने के लिए हम दिल्ली पर्यावरण संरक्षण समिति का गठन करेंगे- गोपाल राय
- डीईपीसी में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ, आरडब्ल्यूए और विधायक व काउंसलर के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा- गोपाल राय
- यह पहल दिल्ली के शहरी परिदृश्य को कंक्रीट से हरियाली में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी- रीना गुप्ता, सलाहकार, पर्यावरण मंत्री
नई दिल्ली, 07 मार्च, 2022
दिल्ली, वार्ड स्तरीय पर्यावरण कार्य योजना’ तैयार करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। केजरीवाल सरकार, दिल्ली में अर्बन फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए 25 अप्रैल को दिल्ली सचिवालय में मेगा राउंड टेबल कांफ्रेंस आयोजित करेगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्लीवासी अपने दैनिक जीवन में रासायनिक उत्पादों के अधिक खपत को कम करके और अर्बन फार्मिंग के माध्यम से स्वास्थ्य सुधार करने में सक्षम होंगे। इस पहल को जन आंदोलन बनाने के लिए हम दिल्ली पर्यावरण संरक्षण समिति का गठन करेंगे। इसमें पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ, आरडब्ल्यूए और विधायक व काउंसलर के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। वहीं पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा कि यह पहल दिल्ली के शहरी परिदृश्य को कंक्रीट से हरियाली में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता कर बताया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अनेकों कदम उठा रही है, जिसमें वृक्षारोपण का महाअभियान पर्यावरण संरक्षण का स्थाई समाधान है और वृक्षारोपण अभियान के परिणाम स्वरूप ही आज दिल्ली, प्रति व्यक्त वन क्षेत्र की उपलब्धता के मामले में देश के प्रमुख शहरों में पहले नंबर पर है और दिल्ली में ग्रीन क्षेत्र तय मानक से भी ज्यादा है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि ठंड के मौसम में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। दिल्ली में खेती योग्य भूमि लगातार कम होती जा रही है और कंक्रीट के बिल्डिंग्स की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए दिल्ली में आने वाले समय में जमीन की कमी की संभावना बढ़ रही है और इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार अर्बन फार्मिंग का मेगा प्लान शुरू करने जा रही है। इस मेगा प्लान का मकसद लोगों को अपने घरों की छतों, बॉलकनी और बरामदों में अपने उपयोग की सब्जियां व फल इत्यादि का उत्पादन करने के प्रति प्रोत्साहित करना है। इससे न सिर्फ लोगों को अपने द्वारा उगाई गई शुद्ध फल और सब्जियां प्राप्त होंगी, बल्कि दिल्ली के ग्रीन क्षेत्र में भी वृद्धि होगी।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस अर्बन फर्मिंग मेगा अभियान का नोडल विभाग हॉर्टिकल्चर विभाग होगा और आगामी 25 अप्रैल को इस अभियान को लेकर एक रांउड टेबल कांफ्रेस का आयोजन दिल्ली सचिवालय में किया जा रहा है। इस रांउड टेबल कांफ्रेस में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ पूसा रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ, अर्बन फर्मिंग क्षेत्र में कार्य करने वाली विभिन्न एजेंसियां और एनजीओ को शामिल किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री ने आगे बताया कि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद हमारे सामने दो बातें उभर कर आई हैं, जिस पर रांउड टेवल कांफ्रेस में चर्चा की जाएगा। पहली यह कि पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर दिल्ली के अंदर करीब 300 वार्डों में लोगों को अर्बन फार्मिग की ट्रेनिग दी जाएगी। दूसरा, एक व्यवस्थित तरीके से लोगो को इस अभियान से जोड़ने, उनको जागरूक करने और उनके ट्रेनिंग की निगरानी के लिए लिए ‘दिल्ली पर्यावरण संरक्षण समिति’ का गठन किया जाएगा। इस समिति में एनजीओ, आरडब्ल्यूए, पर्यावरण विशेषज्ञ, एमएलए और पार्षदों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके द्वारा वार्ड स्तर पर होने वाले प्रदूषण के कारणों और उसके निवारण का तंत्र तैयार करने में सहायता मिलेगी और इस समिति के माध्यम से सरकार अर्बन फार्मिग का यह महा अभियान शुरू करने जा रही है। अर्बन फार्मिग के लिए लोगों को आवश्यक समाग्री उपलब्ध करवाने के लिए दिल्ली सरकार एक सिस्टम तैयार करने जा रही है, जिसके द्वारा लोगों को उनके एक कॉल पर आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार का प्रयास युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के अभियान से जोड़ना है।
पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा, “यह पहली बार है, जब कोई सरकार वार्ड स्तर पर विकेंद्रीकृत पर्यावरण कार्य योजना बना रही है। इसका दिल्ली के पर्यावरण पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा, जब दिल्ली के लोग योजना, कार्यान्वयन और वार्ड स्तर की पर्यावरण कार्य योजनाओं की निगरानी में शामिल होंगे। यह पहल दिल्ली के शहरी परिदृश्य को कंट्रीट से हरियाली में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हम दिल्ली के सभी लोगों को साथ आने और इस अभियान में सरकार के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित करते हैं।’
क्या है अर्बन फार्मिंग?
अर्बन फार्मिंग के तहत, यदि पर्याप्त धूप उपलब्ध हो तो लोग अपने घर की छतों पर फल, सब्जियां और पौधे उगा सकते हैं। अर्बन फार्मिंग से लोगों को उन खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों और हानिकारक रसायनों से बचने में मदद मिलेगी, जिनका वे दिन-प्रतिदिन उपभोग करते हैं। साथ ही इससे शहर में ग्रीन कवर को भी बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली सरकार का हार्टिकल्चर विभाग इस पहल का नोडल विभाग के रूप में काम करेगा।