Hemant Thakur
पिछले 8 साल में 23 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से नीचे धकेल दिया!
पिछले 4 साल में 12 करोड़ लोगों की नौकरी रोजगार छीन ली.
पिछले साल गंगा में हजारो लाशें तैरती रही!
पिछले ही साल लाखों हिंदुओ को गंगा किनारे रेत में दफनाया गया!
दो साल पहले ही सड़क पर हजारो किलोमीटर की सफर के लिए निकले थे लाखों विस्थापित मजदूर…हजारो ने रास्ते मे दम तोड़ा…
मात्र 2 साल पहले ही पुलवामा में 44 सैनिक बम ब्लास्ट में शहीद हुए. जाँच अबतक नहीं हुई है.
पिछले 2 सालों में 50 लाख अधिक लोग बिन ऑक्सीजन, बिन दवा, अस्पताल, और इलाज के दम तोड़ गए!
इन सबसे नजर चुराकर, बेतुके तर्क देकर, जब कोई आपको 1990 की कश्मीर में हुई आतंकी घटना पर आधारित नाटकीय फ़िल्म देखने को कहे और कहे कि कश्मीरी पंडितों के दर्द को महसूस कीजिये, तो उनको दो चांटा मारिये और कहिए कि अपनी बेशर्मी का दर्द महसूस करो!
ये घिनौने नफरती लोग हैं. इनका काम सिर्फ नफरत फैलाना है. ये पाकिस्तान के उन्हीं आतंकी के सगे हिंदुस्तानी आतंकी साम्प्रदायिक गिरोह है;
और इन्ही दोनों ने साजिश कर कश्मीर में घटना तैयार किया था. वर्ना संघी जगमोहन के राज्यपाल बनने से पहले कश्मीर शांत था!
भाजपा के समर्थन से बनी वीपी सिंह की सरकार से पहले कश्मीर शान्त था.
अब इन्हें फिर से अशांति चाहिए! क्योंकि आगे चुनाव में नफरत की वोट काटनी है.
कश्मीरी पंडित विस्थापित हुए गलत हुआ, किन्तु हर साल यूपी बिहार बंगाल उड़ीसा झारखंड से करोड़ो लोग रोजगार मजदूरी के लिए दूसरे राज्य के लिए विस्थापित होते हैं उनकी दुर्दशा पर एक आह तक नहीं निकालने वाले, आज दर्द महसूस करने को कहते हैं, तो समझिए-आप के सामने शैतान खड़ा है. कालनेमि जैसा राक्षस ही…!