परीक्षण तथा प्रमाणन इकोसिस्टम मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम का अभिन्न हिस्सा होना चाहिएः श्री के. राजारमण

दैनिक समाचार

संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय दूरसंचार मानक निर्धारण संगठन, टेलीकॉम इंजीनियरिंग सेंटर (टीईसी) ने कल “दूरसंचार उत्पादों के लिए अनुरुपता मूल्यांकन पर नियामक ढांचाः वैश्विक श्रेष्ठ व्यवहार तथा प्राथमिकताएं” विषय पर वेबिनार आयोजित किया। टीईसी ने यह वेबिनार टीआईसी काउंसिल (इंडिया) के सहयोग से किया। वेबिनार में दूरसंचार विभाग, ईयू तथा एफसीसी (अमेरिका) के वरिष्ठ नीति निर्माता तथा दूरसंचार और प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया और भारत में दूरसंचार उत्पादों की गुणवत्ता तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने अनुभव, वैश्विक रूझान तथा श्रेष्ठ व्यवहारों को साझा किया। वेबिनार में ईयू के नीति अधिकारी श्री लुईस तथा एफसीसी (अमेरिका) के श्री जॉर्ज ने विश्व के श्रेष्ठ व्यवहारों को साझा किया और टीईसी के डीडीजी श्री पारसनाथ तथा टीआईसी काउंसिल के श्री जुत्सी ने भारत विशेष नियामक ढांचे पर प्रस्तुति दी।

वेबिनार में दूरसंचार सचिव श्री के. राजारमण मुख्य अतिथि थे। दूरसंचार विभाग के सदस्य (सेवाएं) श्री अशोक कुमार मित्तल, श्रीमती दीपा त्यागी, वरिष्ठ डीडीजी, टीईसी तथा टीआईसीसी, इंडिया के अध्यक्ष श्री सुरेश सुगावनम उपस्थित थे। वेबिनार में विश्वभर के लोगों ने हिस्सा लिया और इसका संचालन टीआईसीसी की ईडी डॉ. अर्पणा ने किया।

दूरसंचार सचिव श्री के. राजारमण ने अपने प्रमुख भाषण में कहा कि देश शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में मोबाइल तथा ब्रॉडबैंड की पहुंच बढ़ाने के लिए सार्वजनिक तथा निजी साझेदारी मॉडल में भारी निवेश कर रहा है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि नीचे के स्तर तक दूरसंचार सेवाएं किफायती होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग हब अब बनने के लिए परीक्षण तथा प्रमाणीकरण इकोसिस्टम मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम का अभिन्न भाग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग हब की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बहुत अधिक मजबूत जांच सुविधा, कौशल क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने उद्योग से देश के विभिन्न भागों में रखे हुए प्रयोगशाला उपकरण के नवाचारी विचार का पता लगाने का आग्रह किया ताकि ओला/उबर की तरह प्लेटफॉर्म आधारित परीक्षण मॉडल का उपयोग सेवा मॉडल के रूप में किया जा सके।

दूरसंचार विभाग के सदस्य (सेवा) श्री अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि टीईसी ने नियामक व्यवहारों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोगपूर्ण ज्ञान साझा करने वाले वेबिनार का आयोजन किया। उन्होंने अधिक से अधिक इस तरह के वेबिनार आयोजित करने को कहा।

टीईसी की वरिष्ठ डीडीजी श्रीमती दीपा त्यागी ने वैश्विक सहयोग के महत्व तथा श्रेष्ठ वैश्विक व्यवहारों को लाने पर बल दिया ताकि भारत आईसीटी उत्पादों के लिए वैश्विक परीक्षण केन्द्र बन सके।

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