2 साल बाद वापस लौटे जिन्दगी के रंग, हर्ष-उल्लास के साथ खुलकर खेले होली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

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भारत की खासियत यहां सभी होली के रंग में रंगते है और होली सभी के अंदर जाति-धर्म के झगडे, अहंकार आदि को मिटाकर एक रंग में रंग देती है: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

सांवरियां से पीर औलिया तक सब मिलकर मनाते है होली का त्यौहार, जबतक केसरिया से लेकर हरे तक सभी रंग साथ नहीं मिलते साथ तबतक होली अधूरी: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

केजरीवाल सरकार ने होली के मौके पर सुंदर नर्सरी में किया रंगोत्सव का आयोजन, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने की शिरकत

17 मार्च, नई दिल्ली

केजरीवाल सरकार द्वारा साहित्य कला परिषद् के सौजन्य से शुक्रवार को निज़ामुद्दीन स्थित सुंदर नर्सरी में होली के उपलक्ष्य में ‘रंगोत्सव कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया| इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि होली चेहरे पर मुस्कराहट लाने का उत्सव है और लोगों को खुशियों के रंगों को पूरे जोश के साथ एक-दूसरे संग बांटने और खेलने का मौका देता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मुश्किल दौर से निकलने के बाद अब जब 2 साल बाद जिन्दगी के रंग वापिस आ रहे है तो सभी खुलकर होली मनाएं| 2 साल बाद जब जिन्दगी दोबारा पटरी पर लौटने लगी है तो होली के साथ उसका स्वागत करने से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है|

श्री सिसोदिया ने कहा कि कोरोना के लम्बे समय बाद जब सब सामान्य हो रहा है, मुश्किल दौर से निकल कर लोग मुस्कुराना चाहते है रंगों में डूब जाना चाहते है , तो मैं भगवन से प्रार्थना करता हूँ कि सभी दिल्लीवासी-देशवासियों के चेहरे पर ये मुस्कान ऐसी ही बनी रहे और ऐसा बेरंग दौर दोबारा न लौटे| उन्होंने कहा कि भारत की खासियत है कि यहां सभी होली के रंग में रंगते है और होली सभी के अंदर जाति-धर्म के झगडे, अहंकार आदि को मिटाकर एक रंग में रंग देती है|

श्री सिसोदिया ने कहा कि होली एक ऐसा त्यौहार है जिसे सांवरिया से लेकर पीर औलिया सभी मनाते है| केसरिया से लेकर हरे तक जबतक सभी रंग साथ नहीं मिलते होली अधूरी रहती है| इसलिए सभी साथ आकर ख़ुशी के इस त्यौहार का आनंद उठाएं व खुलकर होली खेले|

उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार के कला संस्कृति एवं भाषा विभाग द्वारा आयोजित इस रंगोत्सव कार्यक्रम में कठपुतली शो ने सभी का जमकर मनोरंजन किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के लोकनृत्य और लोकसंगीत ने विविधता में एकता का संदेश दिया। जबकि ब्रज की लठमार होली और फूलों की होली ने भी कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

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