Sanjeev Tyagi
Rajiv Mittal
मुसलमान हिंदुस्तान के सबसे सस्ते वोटर हैं, उन्हें सरकार से सुरक्षा के बदले में कुछ भी नहीं चाहिए.
अपनी मेहनत के दम पर कमाने खाने वाले लोग हैं. साईकिल पंचर लगाने से लेकर भारत के राष्ट्रपति तक के पद को सुशोभित किया है. फल बेचने से लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज तक रहे. बिरयानी बनाने का काम करने से लेकर IB प्रमुख तक, कवाब बनाने से लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त तक; एक तो अभी सेना प्रमुख बनने तक रह गए किसानी से लेकर सेना में भर्ती होकर परमवीर चक्र लिया. पदमश्री से लेकर भारत रत्न तक प्राप्त किया मुसलमानों ने. मोटर वर्कशॉप का काम करने से लेकर अग्नि मिसाईल तक बनाई.
हर क्षेत्र में डंका बजाया है फ़िल्म, कला, साहित्य, संगीत, आप भारत के होने की कल्पना ही नहीं कर सकते बिना मुसलमानों के…
और ये सब इन्होंने बिना आरक्षण, बिना सरकारी मदद और बिना भाई भतीजावाद के प्राप्त किया है यदि असली मेरिट की बात की जाये तो वो भारत के मुसलमानों की है, लेकिन आज 70 साल के बाद भी इन्हें अपने वोट के बदले में क्या चाहिए केवल सुरक्षा….
कितना सस्ता है मुसलमानों का वोट…
औरत बियर बार में नंगी नाचे तो किसी को कोई तकलीफ नहीं
औरत बिकनी में क्लब के अंडर पोल डांस करे तो किसी को कोई तकलीफ नहीं।
औरत जिस्म के धंधे में गैर मर्दो के साथ सोये तो किसी को कोई तकलीफ नहीं, लेकिन जब एक मुसलमान औरत नकाब से अपने जिस्म को ढांके तो पूरी दुनिया के लोगो के सीने पे सांप लोट जाता है, और कहते है इस्लाम में औरतो को आजादी नही…
वाह रे जाहिलो
समझ में नहीं आता ये औरतों को बेपर्दा क्यूँ करना चाहते है?
दुनिया की तारीख में किसने मासूमो का सबसे ज़्यादा क़त्ल किया है उस पर दुनिया ख़ोमोश रहती है ?
1हिटलर…
आप जानते हैं ये कौन था?
हिटलर जर्मन “ईसाई” था लेकिन मीडिया कभी “ईसाईयों” को आतंकवादी नहीं कहता।
2″जोसफ स्टालिन”
इसने तक़रीबन 20 मिलियन इंसानी जाने ली जिसमे 14.5 मिलियन को तड़पा तड़पा कर मारा गया।
क्या ये मुसलमान था?
3 “माओ त्से तसुंग (चीन)”
इसने 14 से 20 मिलियन का क़त्ल किया।
क्या ये मुस्लमान था ?
4 “बेनितो मुस्सोलिनी” (इटली)”*l
इसने तक़रीबन 4,00,000 लाख लोगो का कत्लेआम कराया।
क्या ये मुसलमान था?
5 “अशोक” ने कलिंगा के युद्ध में करीब 1,00,000 लाख लोगो का कत्लेआम किया ।
क्या ये मुसलमान था ?
6 “अम्बार्गो” (इराक) जिसे जॉर्ज बुश ने इराक भेजा था।
इराक में 1 मिलियन से ज़्यादा इंसानो की जाने ली गयी जिसमे मासूम बच्चे भी शामिल थे।
क्या ये भी मुसलमान था ?
आज देखा जाता है के ग़ैर मुस्लिम समाज में “जिहाद ” के नाम से एक डर और दहशत बनी हुई है लेकिन मीडिया सच्चाई न बताता है और न दिखाता है।
“जिहाद” एक अरबी का शब्द है जो की एक और अरबी के शब्द “जहादा” से बना है, जिसका मतलब है “बुराई” और “नाइंसाफी” के खिलाफ आवाज़ उठाना उसके खिलाफ खड़े होना या इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ना।
जिहाद का मतलब मासूमो व बेगुनाहो की जान लेना या क़त्ल करना हरगिज़ नहीं है।
फ़र्क़ सिर्फ इतना है के हम बुराई के खिलाफ खड़े है , बुराई के साथ नहीं।
क्या इस्लाम हक़ीक़त में परेशानी है ?
1.पहली आलमी जंग (फर्स्ट वर्ल्ड वॉर 1930 के दशक में ) जिसमे 17 मिलियन मौते हुयी
जिसे ग़ैर मुस्लिम देशों ने किया।
- दूसरी आलमी जंग (सेकंड वर्ल्ड वॉर 1939 -1945 ) जिसमे 50 से 55 मिलियन मौते हुयी।
यह भी ग़ैर मुस्लिमो द्वारा किया गया। - नागासाकी हिरोशिमा एटॉमिक हमले जिसमे 200,000 लोगो की जाने गयी ये हमले भी ग़ैर मुस्लिम(अमेरिका) द्वारा किये गए।
- वियतनाम की लड़ाई में 5 मिलियन लोग मारे गए,
यह भी ग़ैर मुस्लिम ने किया। - बोस्निया/कोसोवो की लड़ाई में तक़रीबन 500,000 लोग मारे गए।
ग़ैर मुस्लिम ने किया - इराक की जंग में अब तक 12,00,000 से ज्यादा लोग मारे गए।जिसे ग़ैर मुस्लिम ने किया।
7.1975-1979 तक कंबोडिया में तक़रीबन 3 मिलियन लोगो की जाने गयी, ग़ैर मुस्लिम ने किया।
- और आज अफ़ग़ानिस्तान, सीरिया , फिलिस्तीन, और बर्मा में लोग मारे जा रहे हैं।
क्या ये सब मुसलमानों ने किया ?
मुसलमान आतंकवादी नहीं है और जो आतंकवादी है वो मुस्लमान नहीं है।
ये दोहरे चेहरे ज़रूर उजागर होने चाहिए।
जितना ज्यादा हो सके उतना शेयर करे, मिडिया ग़लत हाथ में है इसलिए वो लोग ग़लत जानकारी लोगो तक पहुचाते है, लेकिन मोबाइल फ़ोन हमारे हाथ में हैं इसलिए हमें सही जानकारी फैलानी होगी….
(सत्ता चिन्तन में प्रकाशित लेखकों के अपने स्वयं के विचार होते हैं। इसलिए सत्ता चिन्तन परिवार, सम्पादक, प्रकाशक एवं कर्मी इन विचारों से सहमत होना आवश्यक नहीं है। इन विचारों के लिए लेखक स्वयं स्वतंत्र रूप से जिम्मेदार हैं।)