भोपाल। शिक्षक वर्ग तीन की परीक्षा का पर्चा मुख्यमंत्री के ओएसडी के मोबाइल पर पहुंचना गंभीर मामला है। इससे परीक्षा की निष्पक्षता और परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी उजागर होता है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि यह शिक्षक वर्ग तीन की परीक्षा में ही घोटाला नहीं है बल्कि इस घोटाले क़ो व्यापम तीन का नाम भी दिया जा सकता है।
माकपा ने कहा है कि पिछले व्यापम घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तब के ओएसडी प्रेम प्रकाश का नाम आया था, जिसे बाद में जमानत भी लेनी पड़ी थी और अबके घोटाले में फिर उनके ओएसडी लक्ष्मण सिंह का नाम आ गया है। जिससे जाहिर है कि इस ऑनलाइन परीक्षा में खास लोगों क़ो पास करवाने के लिए खास प्रबंध किये गए हैं, जिसमे मुख्यमंत्री कार्यालय भी जिम्मेदार है।
जसविंदर सिंह ने कहा है कि व्यापम घोटाले क़ो लेकर हाई कोर्ट पहले ही टिप्पणी कर चुका है कि पूरी एक पीढ़ी का भविष्य इससे चौपट हुआ है। मगर उसके बाद भी होने वाली घटनाओ से लगता है कि भाजपा सरकार एक और पीढ़ी का भविष्य बर्बाद करने पर तुली है।
माकपा ने इस घटना की उच्च स्तरीय जाँच करवाने और युवा पीढ़ी के भविष्य क़ो सुरक्षित करने की मांग की है
जसविंदर सिंह
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