कनपटी पर पिस्टल लगाकर, हाथ और डंडे से मार खाता हुआ इंसान!
अब इस पर आ गया कि मार दो ना…. मुझे गोली ।
और वह उत्तेजक होकर मारने वाले का सुरक्षित चेंचुआ अपने दोनों हाथों से थाम बैठा।
रूस ने अब तक दिवाली मनाई थी।
यूक्रेन पर बहाने बताते हुए अपने जानलेवा पटाखे फोड़ कर,
रूस ने यूक्रेन को केवल जलाया नहीं बल्कि बुरी तरह से तड़पाया है ,
जिसमें स्कूल अस्पताल एंबुलेंस मासूम बच्चे गर्भवती स्त्रियां भी जानबूझकर शिकार बनीं हैं।
मानवाधिकार की आंखों से लाचारी के आंसू निकल पड़े ।
लेकिन यूक्रेन ने आज रूस की धरती में घुसकर अपने दो दो हेलीकॉप्टर से बेलगोरोड़ में ऐसी बेजोड़ आग भर दिया!
जो पुतिन की कल्पना से बाहर था कि, खरगोश के हाथों में कैसे सफेद टाइगर के पंजे उग गए।
जो पूरे रूसियों को इस नए घातक मनोविज्ञान को ,
समझने पर मजबूर कर दिया।
मारने वाले पर जब मार पड़ती है,
तब उसका सारा बड़प्पन चवन्नी छाप हो जाता है अपनी लाज बचाना मुश्किल हो जाता है ।
पुतिन अपने सपनों के रूस को आज यूक्रेन के हाथों,
जलता हुआ देख रहे हैं।
जलाने वाला है यूक्रेन।
जिसकी आग बुझाने के लिए रूसी मशीनरी लगी हुई है। यूक्रेन के बाद आज रूस में भी बचाव और राहत कार्य जोरों पर हो रहा है ।
युद्ध के जानकार बोले वेलडन जेलेंस्की ।
यूक्रेन भी इस मोड़ पर आ गया है,
कि….
हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डूबेंगे,
यूक्रेन का क्या होगा ?
उससे ज्यादा चिंता का विषय है रूस का क्या होगा?
परमाणु परमाणु परमाणु बम!
कई बार धमकी देने से बेहतर है एक्शन बताना।
इसमें कोई शक नहीं कि जैसे ही रूस परमाणु बम का इस्तेमाल करेगा,
वैसे ही विश्वयुद्ध का बिगुल बज जाएगा।
आज बेबस यूक्रेन ने रूस की सीमा में घुसकर उसको बताया कि ….
अपने तेज धार वाले ‘अस्तुरे के दम’ पर शहर लूटने का धंधा बंद करना होगा !
क्रीमिया के बाद यूक्रेन!
यूक्रेन के बाद पोलैंड।
पोलैंड के बाद स्वीडन ।
स्वीडन के बाद सारे दुश्मन देशों की लिस्ट।
जिस लिस्ट को दांत पीस पीस कर रात दिन पुतिन साहब पढ़ते रहते हैं।
यूक्रेन को लगा ना बाबा ना बार-बार से अच्छा है एक बार ठीक से लड़ लें।
अमेरिका और रूस जहां विश्व को अपने अपने खेमे में गोलबंद करने के लिए खूनी कवायद कर रहे हैं।
वही यूक्रेन अपनी अस्मिता से थकने के बाद ….
आखिर रूस के हलक में आज हाथ डाल दिया ।
अब केवल बारी है विस्तार वाद की भूखी आंत खींच कर बाहर लाने की।
दूसरी तरफ नाटो ‘पंचगुइया नांच’ के तर्ज पर नार्वे में अपना चमकाईयां धमकाईयां वाला युद्धाभ्यास कर रहा है!
ऐ शयाणे कोई मेरी तरफ नहीं देखना रे, मैं बहुत घातक है क्या।
आंतरिक पीड़ा से कराहते पुतिन के पास,
विकल्प के सारे रास्ते बंद हो गए हैं।
यदि तुम जानते ही हो कि फलां फलां तुम्हारे दुश्मन है तो उन्हें,
नेस्तनाबूद क्यों नहीं करते ?
लेकिन चाहे जितना बहादुर जिगरबाज हो,
चारों तरफ से जब दुर्दांत खूंखार उसी के जैसे ताकतवर लोग ….
उसको चारों तरफ से हमला शुरू करते हैं ।
तो वह खुद को नाच नाच कर बचाता है मगर,
जगह-जगह से उसकी चमड़ी उधड़ जाती है।
रूसी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं ।
इसी वजह से बार-बार पुतिन के खिलाफ ,
उनकी अपनी धरती पर,
अपने ही लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं,
अपने परिवार को साइबेरिया के सुरक्षित जगह में छुपा कर ….
पुतिन जिस परमाणु के खेल का खुद को मास्टर समझ रहे हैं।
उस परमाणु की जद से क्या रूस खुद बच सकेगा ?
बहुत लोगों ने परमाणु बम का लाल टमाटर अपने किचन में छुपा कर रखा है।
खुद को बचाने के चक्कर में दूसरे को मारना बहुत आसान नहीं होगा। फिलहाल अमेरिका और नाटो के रहते रूस की मंशा पूरी नहीं हो सकेगी… ।
यह अलग बात है कि परमाणु युद्ध हो या ना हो ।
जैविक हथियार और परमाणु का खतरा बताकर,
किसी का शोषण कब तक सहा जा सकता है?
बेहतर है जो आज़ होना हो ….
अभी हो जाए !!
फिलहाल यूक्रेन ने रूस के तेल डिपो पर हमला करके, रूस को दर्द देने का बिस्मिल्लाह कर दिया है।
फिलहाल पुतिन भाई !
मामला आप जितने हल्के में ले रहे थे, उससे कहीं बहुत ज्यादा जटिल है! रूस के अंदर घुसकर यूक्रेन ने जिस तरीके से
‘रूसी ताकत’ के मुंह पर थप्पड़ मारा है ।
वह इस बात का प्रमाण है कि …
परमाणु युद्ध से यूक्रेन नहीं डर रहा है।
यूक्रेन जब तक पलटवार करता रहेगा, तब तक पुतिन की मंशा कामयाब नहीं होगी।
जिस दिन यूक्रेन ठंडा हो जाएगा ।
उसी दिन स्वीडन पोलैंड समेत नाटो और रूस ….
नए बहाने बनाकर लड़ते नज़र आएंगें।
युद्ध अब नहीं रुकेगा ।
बहुत वर्ष नहीं रुकेगा।
पुतिन के मन में रूस के सुरक्षा की चिंता ने,
पूरे विश्व को केवल चिंतित ही नहीं किया है ,
बल्कि न्यूक्लियर वार के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है लेकिन एक भी सच है कि डर के आगे जीत है।
यह अलग बात है कि कुछ लोग ‘मोदी” में ही भारत तलाश रहे हैं!
डॉक्टर मेला