समाजवादी क्यूबा की अद्भुत उपलब्धियां

दैनिक समाचार


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   ,,,,, मुनेश त्यागी

क्यूबाई क्रांति के नेताओं और क्रांति के लिए प्रतिबद्ध जनता से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। क्यूबा की जनता ने और वहां के नेतृत्व ने क्रांति को जारी रखा, क्रांति की ज्वाला को लगातार जलाए रखा। क्यूबा के नेतृत्व को धरती और लोगों से जोड़े रखा, जनता को स्थाई रूप से वैचारिक संघर्ष के माध्यम से ही जीता जा सकता है जोर जबरदस्ती तोप, तलवार, बंदूक और मिसाइलों के जरिए नहीं।
लातिनी अमेरिका के अनेक देशों की जनता ने अपने शोषक शासकों और जनविरोधी निजामों को गद्दी से उतार कर फेंका है और वह अपना भाग्य निर्माता बन बैठी हैं, यह आश्चर्य चकित करने वाला ऐतिहासिक कारनामा क्रांति की सबसे बड़ी उपलब्धि और विरासत है, इसे वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने की सबसे ज्यादा जरूरत है।
क्युबाई क्रांति ने संकटग्रस्त पूंजीवादी प्रणाली के खिलाफ समाजवादी श्रेष्ठता का अतुलनीय विकल्प पेश किया है। यह संघर्षरत मानव जाति के लिए अन्याय, भेदभाव, गैर बराबरी, शोषण और दमन से निजात पाने की सबसे बड़ी आशा की किरण है। क्रांतियां होती नहीं हैं, क्रांतियां की जाती हैं। क्रांति करना, इसको आगे बढ़ाना, पालना, पोसना, क्रांति को जिंदा रखना और क्रांति को निरंतर बनाए रखना क्यूबाई क्रांति, वहां के नेतृत्व और क्रांतिकारी जनता के सिध्दांत और व्यवहार से सीखा जा सकता है।
क्यूबाई क्रांति ने हजारों वर्षों के पाले स्वास्थ्य, घर, रोटी, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक आजादी के सपने पूरे किए हैं। क्यूबाई क्रांति ने किसानों मजदूरों में राजनीतिक चेतना पैदा की है और जनता ने उसे हाथों हाथ लिया है। क्रांतिकारी सिद्धांत और क्रांतिकारी व्यवहार की एकता पैदा की है।
वर्गीय समाज में समानता, भाईचारा या आजादी नही हो सकती, सशस्त्र जनता ही क्रांति की रक्षा कर सकती है। संघर्षरत रहकर ही एक बेहतर दुनिया का निर्माण किया जा सकता है। बिना संघर्ष के कुछ भी नहीं किया जा सकता। सच्चा क्रांतिकारी हर परिस्थिति में अपनी लड़ाई जारी रखता है, बशर्ते कि क्रांति उसके ऐजेंडे में मौजूद रहे।
क्यूबा की समाजवादी क्रांति ने दिखाया की जनता की समस्याएं राजसत्ता हासिल करके, अपनी सरकार बना कर ही की जा सकती है, इसलिए वहां की क्रांति ने और जनता ने मिलकर जनता की, किसानों मजदूरों और मेहनतकशों की सरकार और राजसत्ता कायम की और हजारों साल पुराने अन्याय, शोषण, जुल्म भेदभाव और पूंजीवादी और सामंती मक्कारियां खत्म की और एक नये समाज की रचना की जिसमें जनता के बीच आपसी भाईचारा कायम किया गया। वहां पर जनता को शिक्षा दी गई कि हम सब युवा वासी हैं हम में कोई ऊंचनीच नहीं है, कोई छोटा बड़ा नहीं है और वहां की क्रांति ने जनता के बीच समता, समानता, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, भाईचारे और समाजवाद के बीज बोए, जिनकी रक्षा वे आज भी कर रहे हैं। वहां समाजवादी विचारों के नए इंसान की स्थापना की गई और भाईचारे से भरे हुए नए कानूनों की शुरुआत की गई।
समाजवादी क्यूबा की क्रांति का एक और बहुत बड़ा अद्भुत कारनामा है वह यह कि वहां की क्रांति ने, वहां पर मौजूद क्रांतिकारी नेतृत्व ने, वहां की सरकार ने, सत्ता का इस्तेमाल अपना घर भरने के लिए या अपने निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए नहीं किया बल्कि जनता की सेवा करने के लिए किया। वहां की क्रांति ने सचमुच जनता में आपसी भाईचारा और आपसी सहयोग और एकजुटता क़ायम की और जनता को अपना भाग विधाता बनाया और सचमुच जनता शासक बन बैठी। वाकई में ये सब समाजवादी क्यूबा अद्भुत उपलब्धियां हैं।
क्रांति के समय 1959 में क्यूबा में आदमी की औसत आयु 49 वर्ष थी जो आज बढ़कर 80 वर्ष हो गई है। क्रांति के समय की साक्षरता 23% थी जो महज 1 साल के अंदर सो फ़ीसदी हो गई। क्रांति के समय अमेरिका ने क्यूबा पर अनेक प्रतिबंध लगाकर क्रांति का गला घोट दिया मगर वहां की शासक कम्युनिस्ट पार्टी ने अमेरिका की साजिशों को नाकाम करते हुए एक ऐसी समाजवादी व्यवस्था कायम की जिसमें हर एक युवा को स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाया, जिसमें क्यूबा अमेरिका से आगे हैं।
क्यूबा ने शिशु कुपोषण को पूरी तरह खत्म करने में सफलता पाई है। अब वहां के बच्चे भूख, गरीबी, भुखमरी और कुपोषण से नहीं मरते। क्यूबा में अमीरी और अय्याशी के अड्डे नहीं मिलेंगे लेकिन वहां कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं मरता, भूखा नहीं सोता, कोई भी बेघर नहीं मिलेगा, कोई बिना इलाज के नहीं मरता और कोई बेरोजगार नहीं घूमता। दुनिया का सबसे बड़ा लुटेरा अमेरिका अपनी शोषणकारी और अन्यायकारी नीतियों को लागू कर और दुनिया भर में लूट खसोटकर, धनसंपदा के अंबार लगाने के बाद भी अपने 5 करोड़ लोगों को छत मुहैया नहीं करा पाया है।
अमेरिका अपने 12 साल से कम 20% बच्चों को कुपोषण से नहीं बचा पाया है, लाखों बच्चों को शिक्षा नहीं दे पाया है। चार करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्राइमरी स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाया है। इन सब आंकड़ों के बाद भी जब कुछ मूर्ख और अज्ञानी लोग कहते हैं कि समाजवादी व्यवस्था फेल हो गई है और पूंजीवाद सफल है तो उन पर सिर्फ और सिर्फ तरस ही आता है। यह सारी व्यवस्था दिखाती है उच्च से उच्च किस्म की पूंजीवादी व्यवस्था भी जनता को उसकी बुनियादी सुविधाएं जैसे रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा उपलब्ध नहीं करा पायी है।
समाजवादी क्रांतिकारी क्यूबा ने यह अद्भुत कारनामा करके दिखाया है कि उसने अपने सभी नागरिकों को, अपनी सारी जनता को तमाम बुनियादी सुविधाएं जैसे रोटी, कपड़ा, मकान, दवा, शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार और बुढ़ापे की सुरक्षा की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। सच में दुनिया भर में क्यूबाई समाजवादी क्रांति का यह सबसे बड़ा अद्भुत कारनामा है और अद्भुत उपलब्धियां हैं। हमें भी समाजवादी क्यूबा और वहां के नेतृत्व और जनता से सबक और शिक्षा लेते हुए ऐसी ही व्यवस्था की स्थापना के प्रयास और ऐसी ही मानवतावादी व्यवस्था की स्थापना की कामना करनी चाहिए।

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