भाजपा शासित ईस्ट एमसीडी ने कूड़ा निस्तारण के नाम पर निजी कंपनी के साथ सांठगांठ कर करोड़ों का घोटाला किया, अब केजरीवाल सरकार से मांग रहे फंड- आतिशी

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-कंपनी को कूड़ा निस्तारण के लिए री-साइकलिंग प्लांट बनाने की दी गई थी जिम्मेदारी, पैसा जारी हुआ लेकिन नहीं लगा प्लांट, भाजपा नेता कंपनी से साठगांठ कर खा गए सारा पैसा- आतिशी

  • केजरीवाल सरकार से मिला 1260 करोड़ रुपए का फंड और 1940 करोड़ रुपए का लिए गए लोन का पैसा कहाँ गया?- आतिशी भाजपा के भ्रष्टाचार की वजह से आज ईडीएमसी के पास कूड़ा प्रबंधन के लिए पैसे नहीं हैं – आतिशी
  • बीजेपी शासित एमसीडी ने गाजीपुर में कुतुबमीनार की ऊंचाई का 140 लाख टन का कूड़े का पहाड़ खड़ा किया और निस्तारण के लिए 15 सालों में कोई काम नहीं किया- आतिशी
  • जनता भाजपा के सभी काले कारनामें देख चुकी है, अब इसकी जिम्मेदारी खुद मोदी जी लेने वाले हैं, तो जनता सभी भ्रष्टाचारों का जवाब भी उन्हीं से मांग रही है- आतिशी

नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2022

आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने आज कहा कि ईडीएमसी ने डि- सेंट्रेलाइज्ड री-साइक्लिंग प्लांट का टेंडर एक प्राइवेट कंपनी को दिया था, जिसका सारा पैसा भाजपा हड़प गई। पर्यावरण समिति ने सवाल उठाया तो बीजेपी शासित एमसीडी के पास कोई जवाब नहीं था। उल्टा पूर्वी दिल्ली के विधायकों से प्लांट के लिए पैसों की मांग की। दिल्ली सरकार से 1260 करोड़ का फंड और 1940 करोड़ का लोन लेने के बावजूद भाजपा के पास प्लांट के लिए पैसा नहीं है। उन्होने मांग की कि भाजपा जवाब दे कि 1260 करोड़ का फंड और 1940 करोड़ का लोन का पैसा कहां गया?

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं कालकाजी से विधायक आतिशी ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से दिल्ली के तीनों नगर निगमों में भाजपा की सरकार है। दिल्ली की साफ-सफाई और कूड़े का प्रबंधन नगर निगमों की मुख्य ज़िम्मदारी है। यह एमसीडी एक्ट है और यह कूड़े के प्रबंधन को एमसीडी की मुख्य ज़िम्मेदारी बताता है। भाजपा ने 15 सालों के शासन में कूड़े का कितना अच्छा प्रबंधन किया है, उसका प्रमाण दिल्ली के तीन बड़े-बड़े कूड़े के पहाड़ हैं, जो दिल्ली में घुसते ही दिखाई देते हैं।

140 लाख टन कूड़े के पहाड़ में बार-बार लग रही आग

विधायक आतिशी ने कहा कि हम महीने भर से देख रहे हैं कि गाजीपुर में जो भाजपा ने कूड़े का पहाड़ खड़ा किया है, उसमें गर्मी के मौसम में अब हर हफ्ते आग लग रही है। पिछले 15 दिनों में वहां दो बड़ी आग लग चुकी हैं। जिसका नतीजा यह है कि पूर्वी दिल्ली के पूरे इलाके के लोगों के घरों में बहुत ही जहरीला धुआं पहुंचता है। जिसकी वजह से तरह-तरह की बीमारियां बच्चों, बुजुर्गों और जवानों को होती हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? वहां पर कुतुबमीनार की लंबाई का 140 लाख टन कूड़े का पहाड़ खड़ा है, उसके लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा ज़िम्मेदार है। पिछले 15 सालों में भाजपा ने कुछ भी नहीं किया, जिससे उस कूड़े के पहाड़ का निस्तारण हो सके।

पर्यावरण समिति ने ईडीएमसी के उप-अधिकारियों को किया समन

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले गाजीपुर के इस कूड़े के पहाड़ पर आग लगने पर दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने ईडीएमसी के उप-अधिकारियों को यह जानने के लिए समन किया कि उस कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए उनकी क्या योजना है और वह क्या करेंगे? जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उस पहाड़ पर और कूड़ा नहीं आ रहा है। एमसीडी के अधिकारियों ने समिति के सामने यह माना कि उस कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए न तो कोई योजना है, न पैसा है और शायद न ही योग्यता है कि वह उसे हटा सकें। आज हम पूछना चाहेंगे कि यह पैसा कहां गया?

पूर्वी दिल्ली के विधायकों से एमएलए फंड के तहत मांगा पैसा

आप विधायक आतिशी ने कहा कि आज ईस्ट दिल्ली के नगर निगम ने पूर्वी दिल्ली के सभी विधायकों को एक पत्र लिखा है कि हम गाजीपुर लैंडफिल पर कूड़ा न भेजा करें, इसलिए हमें डिसेंट्रेलाइज्ड रीसाइक्लिंग प्लांट लगाने हैं। लेकिन हमारे पास उसके लिए पैसा नहीं है। इसलिए आप हमें एमएलए लैड फंड से पैसा दें, क्योंकि फंड की कमी के कारण निगम यह कार्य नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि 15 सालों में पहली बार निगम को याद आया है कि उन्हें वेस्ट मैनेजमेंट का भी कोई काम करना है। ईस्ट एमसीडी कह रही है कि हमारे पास अपना काम करने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं।

फंड बढ़ाने के बावजूद केजरीवाल सरकार से बार-बार लोन ले रही ईस्ट एमसीडी

विधायक आतिशी ने कहा कि यदि आप यह दस्तावेज देखेंगे, तो पता चलेगा कि जो पैसा दिल्ली सरकार ने ईस्ट को एमसीडी को 2014-2015 में जारी किया है। इसके बाद हर साल केजरीवाल सरकार एमसीडी को बढ़ाकर पैसा देती आ रही है। 2013-14 में कांग्रेस ने अपने शासन काल में 146 करोड़ दिए गए थे। 2014-15 में जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन था, तब भाजपा ने 163.55 करोड़ दिए गए थे। वहीं, दिल्ली सरकार ने 2018-19 तक उसको बढ़ाकर 1260 करोड़ कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार ने ईस्ट एमसीडी को बार-बार लोन भी दिया है। ईस्ट एमसीडी को 1940 करोड़ का लोन और उसका ब्याज दिल्ली सरकार को देना है। 1260 करोड़ का फंड और 1940 करोड़ का लोन, यह सारा पैसा कहां गया?

जब एमसीडी का एक ही काम है कि वह कूड़े का प्रबंधन और पूरी दिल्ली की साफ-सफाई करे और उसके लिए ही उसको हर साल पैसा मिल रहा है। आज एमसीडी खुद पत्र लिखकर कह रही है कि हमारा जो मुख्य काम है, हम वह भी नहीं सकते हैं। हमारे पास उसके लिए भी पैसा नहीं है। सवाल यह बनता है कि यह सारा पैसा कहां गया? इतने सालों से जो कूड़े के प्रबंधन और दिल्ली की साफ-सफाई के लिए पैसा मिल रहा है, वह भाजपा के नेताओं ने अपनी जेब में डाल लिया है इसलिए एमसीडी कंगाल है। हर साल प्रॉपर्टी टैक्स, पार्कंग, विज्ञापन, दिल्ली सरकार के फंड से दिल्ली सरकार के लोन से एमसीडी को पैसा मिलता है। 15 सालों तक भाजपा शासित एमसीडी कूड़े के प्रबंधन के लिए कुछ नहीं करती है।

प्राइवेट कंपनी के साथ सांठगांठ कर टेंडर का सारा पैसा खा गई ईस्ट एमसीडी

आज एक और मामला सामने आया है कि अलग-अलग कंपनियों को, जिनको ईस्ट एमसीडी द्वारा टेंडर दिए जाते हैं, उनके साथ भी भाजपा की सांठगांठ है। मेरे हाथ में यह टेंडर के दस्तावेज हैं, जो 3 अप्रैल 2019 में ईस्ट एमसीडी में निकाला। यह दस्तावेज डोर-टू-डोर कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन और ईस्ट एमसीडी के कूड़े के प्रबंधन के हैं। इस टेंडर के आधार पर एक प्राइवेट कंपनी को पूरी ईस्ट एमसीडी का कूड़ा प्रबंधन का करोड़ों का कॉन्ट्रैक्ट मिलता है। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत स्पष्ट लिखा हुआ है कि रीसाइक्लिंग प्लांट बनाने की ज़िम्मेदारी इस प्राइवेट कंपनी की होगी। इसमें आगे और स्पष्टतौर पर लिखा है कि न सिर्फ सूखे कूड़े की, बल्कि सारे गीले कूड़े का भी डिसेंट्रेलाइज्ड रीसाइक्लिंग और उसके लिए प्लांट बनवाना इस प्राइवेट कंपनी ही जिम्मेदारी होगी।

ईडीएमसी एक प्राइवेट कंपनी को प्लांट लगाने के लिए पैसा देती है। और आज वह दिल्ली सरकार से फिर से पैसा मांग रही है। पहले कॉन्ट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार करते हैं, प्राइवेट कंपनियों से पैसा खाते हैं। और आज जब दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति दबाव बनाती है कि रीसाइक्लिंग प्लांट कहां हैं तो प्राइवेट कंपनी अब इनके प्लांट बनाने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि सारा पैसा तो नेताओं की जेब में जा चुका है। अब आज यह फिर से पैसा मांग रहे हैं कि अब तो निगम से हमारी सरकार खत्म हो रही है तो जाते-जाते दिल्ली सरकार से और पैसा ऐंठने की कोशिश कर लें। आगे यह मौका नहीं मिलने वाला है।

मोदी जी लें निगम में भाजपा के सभी भ्रष्टाचारों की ज़िम्मेदारी

विधायक आतिशी ने कहा कि मैं आज भाजपा से यह कहना चाहती हूं कि दिल्ली की जनता ने आपके सारे काले कारनामें देख लिए हैं। दिल्ली की जनता ने आपका भ्रष्टाचार देख लिया है। दिल्ली की जनता को जैसे ही मौका मिलेगा वह आपको एमसीडी से निकालकर बाहर करेगी और शायद इसी डर की वजह से भाजपा की केंद्र सरकार ने चुनाव भी आग बढ़ा दिए हैं। लेकिन अब इस भ्रष्टाचार का जवाब खुद मोदी जी को देना पड़ेगा, क्योंकि अब वह खुद एमसीडी चलाने वाले हैं। अगर वह एमसीडी खुद चलाने वाले हैं तो वह एमसीडी के भ्रष्टाचार पर क्या कदम उठाने वाले हैं? जो भ्रष्टाचार पिछले 15 सालों में एमसीडी के अंदर हुआ है, दिल्ली की जनता मांग कर रही है कि मोदी दी और अमित शाह जी ने अब उसकी ज़िम्मेदारी अपने हाथों में ली है, इस घोटाले की जांच करें। यह कैसा घोटाला है कि जिस काम के लिए पहले ही टेंडर हो चुका है, उस काम के लिए प्राइवेट कंपनी को पैसे दिए जा चुके हैं, आज एमसीडी कह रही है कि वह काम करने के लिए उसके पास पैसा नहीं है।

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