तुर्क,मंगोल,बाबर पर बहस जारी है,
इतिहास की किताबों पर,
अब वाट्सअप भारी है।
सुना है बड़े सेठों से,
उनकी बहुत यारी है,
शायद मुल्क बेचने की,
मुकम्मल तैयारी है।
धनबल,जनबल,ईवीएम,
धर्म की बलिहारी है,
ये सब अपने पास हैं,
तो जीत पक्की हमारी है।
उनके मुद्दे बढ़ती कीमत,
भूख और बेकारी है,
अपना मुद्दा हिंदू-मुस्लिम,
सब मुद्दों पर भारी है।
हिट है बुल्डोजर,
यूपी और एमपी में,
अब सारे देश में,
चलाने की बारी है।
डंडे हैं,झंडे हैं,कट्टे,तलवार
वाली भीड़ ढ़ेर सारी है,
आपसे क्या छिपाना,
दंगे फसाद भी,
चुनाव की तैयारी है।
- वीरेंद्र भदौरिया