अंग्रेजो के जमाने में देश की जनता की आवाज कुचलने के लिए बने 1870 के राजद्रोह क़ानून धारा 124A पर शानदार फैसला दिया है।
चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ द्वारा दिए इस फैसले का सार है कि ;
? जब तक कोर्ट इस बर्बर धारा की समीक्षा पूरी नहीं करता तब तक राजद्रोह के सभी मामलों में सुनवाई तत्काल रोकी जाये।
? इस धारा के तहत जो भी बंद हैं वे जमानत के लिए आवेदन दे सकते हैं।
? केंद्र और राज्य सरकारें अब इस धारा में किसी को गिरफ्तार नहीं सकतीं।
? अंग्रेजों के चाकर रहे चिंदीचोर – माफीखोर जबसे सरकार में आये हैं तबसे अपने विरोधियों को खामोश करने के लिए इस क़ानून का दुरुपयोग कर रहे थे।
Comred Badal saroj