द्वारा : हिमांशु कुमार
एक ठाकुर साहब काछी के खेत में खीरे चोरी कर रहे थे। काछी आ गया बोला खेत में क्या कर रहे हो? ठाकुर साहब बोले लैट्रीन कर रहा था। काछी बोला दिखाओ कहां करी। ठाकुर साहब ने खेत में पुरानी पड़ी सूखी हुई लैट्रीन दिखा दी बोले ये करी। काछी बोला ये तो सूखी है। ठाकुर साहब बोले हम ठाकुर है हम सूखी भी कर सकते हैं गीली भी कर सकते हैं।
अब आप कितना भी चिल्लाते रहो कि यह फव्वारा है उन्होंने कह दिया शिवलिंग है तो कह दिया।
शासक वर्ग द्वारा ये प्रायोजित कार्यक्रम भी जरूरी है क्योंकि ये शिव लिंग ही तो देश की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करेगा ,भारत का गिरता हुआ रुपया ऊपर चढ़ाएगा, महंगाई कम होगी, भ्रष्टाचार खत्म हो जायेगा, हर हाथ को काम मिल जायेगा जिससे बेरोजगारी क्या होती है भविष्य में लोग जान ही नहीं पाएंगे, पेट्रोल-डीजल सस्ते होंगे, किसान खुशहाल हो जायेगा….. और देश विश्व गुरु बन जाएगा…..
तो इन राष्ट्रद्रोही मुल्लों को काटकर, (यदि इनको नहीं काटा तो कल ये 20-20 बच्चे पैदाकर हिन्दुओं को काटकर पाकिस्तान बना लेंगे) इस ज्ञानवापी मस्जिद को ध्वस्तकर वंहा इसी टूटे हुवे फौवारे को शिवलिंग घोषति कर मंदिर बनाया जाये देश हित में…..
इसी तरह ताजमहल के 22कमरे खुलते ही, रूपया मजबूत होगा महंगाई कम होगी, गैस सिलेंडर सस्ता होगा बेरोजगारी, कुतुबमीनार पर चढ़ कर भी नजर नहीं आएगी।
ये सब तो झांकी है, मथुरा अभी बाकी है। मथुरा शाही मस्जिद के लिये भी कोर्ट में पेटिशन दाखिल….
हर-हर महादेव! जय श्री राम!
अजय असुर