भोपाल। लगातार बढ़ती महंगाई, कारपोरेट घरानों को छूट और आम जनता पर बढ़ते बोझ के विरोध में वामपंथी दलों के देशव्यापी अभियान के तहत मध्यप्रदेश में भी वामपंथी दल- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भाकपा (माले) मिलकर और व्यापक अभियान चलाएंगे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव अरविंद श्रीवास्तव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य देवेन्द्र सिंह चौहान ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि एक ओर महंगाई बढ़ रही है,दूसरी ओर बेरोजगारी अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। गेहूं की सरकारी खरीदी पिछले साल की तुलना में देश भर में आधी और मध्यप्रदेश में एक तिहाई रह गई है। जिससे जाहिर है कि आने वाले दिनों में खाद्यान्न का संकट और महंगाई और बढ़ने वाली है।
वामपंथी दलों के नेताओं ने कहा है कि सात सूत्रीय मांगों में पेट्रोलियम उत्पादों पर लगे सारे सरचार्ज और टैक्स वापस लेने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए गेहूं का वितरण बढ़ाने और बहाल करने, दालें और खाना पकाने के तेल सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ती दरों पर मुहैया कराने, आयकर की सीमा से नीचे वाले सभी परिवारों को 7500 रुपए प्रतिमाह प्रत्यक्ष सहायता देने, मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाने इसे व्यापक करने, बेरोजगारी भत्ते के लिए केंद्रीय कानून बनाने, शहरी क्षेत्रों के लिए भी रोजगार गारंटी कानून बनाने, केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग शामिल है।
वामपंथी दलों के अनुसार यह अभियान 25 मई से 31 मई तक चलाया जाएगा। वामपंथी दल इस दौरान धरने, प्रदर्शन, सभाओं इत्यादि के माध्यम से इन मुद्दों को जनता के बीच ले जाएंगे। विज्ञाप्ति में सभी इकाईयों को भी संयुक्त बैठकें कर अभियान चलाने का आह्वान किया गया है।