प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से चीन और पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है। चीन और पाकिस्तान दोनों मोदी के कूटनीतिक कौशल को जानते हैं इसलिए वह और भी भयभीत है। इसके पूर्व सितंबर 2019 में मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन की यात्रा की थी।
नई दिल्ली, (रमेश मिश्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से चीन और पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है। चीन और पाकिस्तान दोनों मोदी के कूटनीतिक कौशल को जानते हैं, इसलिए वह और भी भयभीत है। इसके पूर्व सितंबर, 2019 में मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन की यात्रा की थी। ह्यूस्टन में संपन्न हुई ‘हाउडी मोदी’ रैली अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मोदी के बीच दोस्ती की मिशाल पेश की थी। भारत-अमेरिका के रिश्तों के लिहाज से यह बेहद उपयोगी साबित हुई थी। ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में मोदी ने 50,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित किया था। एक बार फिर मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं। हालांकि, इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप नहीं, बल्कि जो बाइडन हैं। चीन और पाकिस्तान की निगाह मोदी की इस यात्रा पर टिकी है। आइए जानते हैं कि आखिर चीन और पाकिस्तान की चिंता क्या है। मोदी की अमेरिकी यात्रा से दोनों देश क्यों सहमे हुए हैं।
मोदी की सफल कूटनीति से चित हुआ पाक
- प्रो. हर्ष वी पंत ने कहा कि प्रधानमंत्री अब तक अपने अमेरिकी मिशन में बेहद सफल रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के समक्ष आतंकवाद पर पाकिस्तान को आईना दिखाया है। मोदी अमेरिका के समक्ष यह बताने में सफल रहे कि पाकिस्तान में अब भी आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं। उन्होंने यह प्रमाणित कर दिया कि आतंकवादी पाकिस्तान में मौजूद हैं।
- बता दें कि अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान पीएम मोदी गुरुवार को अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से भी मुलाकात की। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद यह पहला मौका था कि मोदी ने भारतीय मूल की अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैरिस से मुलाकात की। आतंकवाद के मुद्दे पर हैरिस ने भारत की पीड़ा को समझा। हैरिस ने आतंकवाद और इसमें पाकिस्तान की भूमिका का मुद्दा जोरशोर से उठाया। हैरिस ने माना कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन मौजूद हैं। हैरिस ने कहा कि पाक आतंकवादी संगठनों को नियंत्रित करे ताकि यह अमेरिका और भारत की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है। प्रो. पंत ने कहा कि हैरिस का यह बयान मोदी की कूटनीतिक सफलता है।
- उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, हैरिस ने सीमा पार से आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया। यह बड़ी बात है। उपराष्ट्रपति ने भारत के साथ सुर मिलाते हुए कहा कि भारत कई दशकों से आतंकवाद की चपेट में है। हैरिस ने यहां तक कहा कि इन आतंकवादी संगठनों को पाक से मिल रही मदद पर लगाम लगाने और कड़ी नजर रखने की जरूरत है।
- उप राष्ट्रपति हैरिस से चर्चा में पीएम मोदी ने कहा कि मेरा और मेरे डेलिगेशन का स्वागत करने के लिए धन्यवाद। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले आपसे वार्ता का मौका मिला था। ये वो समय था, जब भारत कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा था। आपने सहायता के लिए जो हाथ बढ़ाया, उसके लिए आपका शुक्रिया करता हूं।
- हैरिस से चर्चा के दोरान एक मझे कूटनीतिक की तरह मोदी ने कहा कि अमेरिका में आपका उपराष्ट्रपति चुना जाना महत्वपूर्ण है। यह पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणास्रोत है। आप और बाइडन मिलकर भारत-अमेरिका के रिश्ते मजबूत करें। हम आपका सम्मान करना चाहते हैं, मैं आपका भारत में स्वागत करना चाहता हूं। आपकी विजय यात्रा ऐतिहासिक है।
- प्रो. पंत ने कहा कि इस मौके पर मोदी ने हिंद प्रशांत महासागर और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी भारत के रुख का समर्थन हासिल किया है। हैरिस ने माना कि इस मुद्दे को अमेरिकी सरकार गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि दोनों देश मिलकर पीपुल-टु-पीपुल कॉन्टैक्ट बढ़ाएंगे और दुनिया पर इसका अच्छा असर पड़ेगा।