इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आज बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप कंपनियों के साथ दिवाली मनाई। बेंगलुरु में नैसकॉम और एसटीपीआई द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में, मंत्री ने स्टार्टअप कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। मंत्री ने उनकी यात्रा, उनके सामने आने वाली चुनौतियों और स्टार्टअप कार्यक्रम के लिए सरकार के सहयोग तंत्र को और मजबूत करने के बारे में उनके सुझावों के बारे में जाना।
उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं के साथ डीपटेक, टेकवी और एसटीपीआई आईओटी ओपनलैब स्टार्टअप के साथ सार्थक और प्रभावी बातचीत की। मंत्री ने स्टार्टअप्स के गेम चेंजिंग समाधान को भी देखा, जिसने लोगों को अपनी डिजिटल समावेशन यात्रा में प्रभावित किया है। ‘2026 तक भारत में विशाल प्रौद्योगिकी परितंत्र विकसित करने की रणनीति’ पर भी विचार-विमर्श किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए, राजीव चंद्रशेखर ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के बारे में बात की। उन्होंने उल्लेख किया कि “प्रधानमंत्री ने तीन स्पष्ट उद्देश्यों के साथ वर्ष 2015 में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर – (i) लोगों के जीवन को बदलना (ii) आर्थिक अवसरों का विस्तार करना (iii) कुछ रणनीतिक प्रौद्योगिकियों में क्षमताओं का निर्माण करना। उन्होंने उल्लेख किया कि जिस तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था ने महामारी के बाद वापसी की है, उसकी बहुत बड़ी वजह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई मजबूत नींव है। एक बटन के क्लिक से देश के दूर-दराज के इलाकों में लोगों तक पहुंचा जा सकता है और एक-एक पैसा सीधे लाभार्थियों के खातों में हस्तांतरित किया जाता है।
पिछले 18 महीनों में डिजिटल अर्थव्यवस्था में हुए जबरदस्त विस्तार का हवाला देते हुए, राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि “स्टार्टअप के लिए अब से बेहतर समय कभी नहीं रहा। स्टार्टअप्स के पास विशाल अवसर है और दुनिया अब भारत जैसे नए भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता की तलाश कर रही है। उन्होंने कहा कि अपनी सभी सेवाओं को डिजिटल बनाना सरकार की प्राथमिकता है और इसके परिणामस्वरूप अतिरिक्त मांग पैदा होगी।
राजीव चंद्रशेखर ने उद्यमिता को छोटे शहरों में फैलाने और उद्यमिता के अगले चरण का समर्थन करने के लिए आउटसोर्सिंग मॉडल को सह-विकास/सह-कार्य मॉडल के साथ बदलने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, राजीव चंद्रशेखर ने स्टार्टअप परितंत्र को नरेन्द्र मोदी सरकार के पूर्ण सहयोग की फिर से पुष्टि की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उन्हें सभी आवश्यक नीतिगत समर्थन और बाजार से संपर्क को सुविधाजनक बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तत्पर है।
विचारों और अनुभवों के खुले और मुक्त आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए अनौपचारिक ढंग से संवाद सत्र का आयोजन किया गया था। यह कार्यक्रम एक घंटे से अधिक समय तक चला और इसमें उद्यमियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई जिन्होंने अपने अनुभव, चुनौतियों तथा स्टार्टअप परितंत्र को और अधिक जीवंत बनाने के लिए सुझावों को साझा किया। सत्र में महिला आधारित स्टार्टअप कंपनियां भी शामिल थीं जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रोत्साहित किया गया है।
संवाद सत्र का समापन दोपहर के भोजन के साथ हुआ, जिसमें उद्यमियों, स्टार्टअप कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मंत्री के साथ स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया और एक-दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएँ दीं।