ACE2 रिसेप्टर्स क्या हैं? ICMR ने इसे आधार बनाकर पहले प्राइमरी स्कूल खोलने का दिया सुझाव

चिकित्सा

      हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बच्चों के बीच वायरल इन्फेक्शन को हैंडल करने की क्षमता के आधार पर पहले प्राइमरी क्लास के स्कूल खोलने का सुझाव दिया है। दरअसल ICMR के मुताबिक कम उम्र के बच्चों के फेफड़ों की कोशिकाओं में ACE2 रिसेप्टर्स की संख्या कम होती है। बच्चों में ACE2 रिसेप्टर्स की संख्या कम होने का मतलब है कि उनके फेफड़ों को वायरस उतना नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा जितना बड़ों को नुकसान पहुचाता है। ACE एक तरह का प्रोटीन है जिससे कोविड-19 वायरस जुड़ जाता है।

आखिर ACE2 रिसेप्टर काम कैसे करता है?

      कोशिकाओं की बाहरी सतह पर पाये जाने वाले  ACE2 छोटे-छोटे प्रोटीन्स बनाते हैं, जो कोशिकाओं के काम को नियंत्रित करते हैं। SARS-CoV-2 वायरस ACE2 से ठीक उसी तरह जुड़ता है, जैसे कोई चाभी किसी ताले में घुसती है। इसी के बाद कोशिका में वायरस की एंट्री और इन्फेक्शन की शुरुआत होती है। वहीं, देखा जाय तो एक तरह से ACE2 कोविड-19 के लिए कोशिका के दरवाजे के रूप में काम करता है।

हमारे शरीर में ACE2 कहां पाये जाते हैं?

      हमारे शरीर मे ACE2 कई तरह की कोशिकाओं और टिश्यूज में पाए जाते हैं। इसके अलावा यह फेफड़ों, दिल, रक्त धमनियों, किडनी, लिवर और गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट में  मिलता है। यह एपिथिलियल कोशिकाओं में भी होता है, जो कि नाक, मुंह और फेफड़ों में होती हैं। फेफड़ों के भीतर यह टाइप2 न्यूमोसाइट्स में प्रचुर मात्रा में होता है। न्यूमोसाइट्स वे कोशिकाएं होती हैं, जो एलवियोलाई नाम के चैम्बर्स में मिलती हैं और यहीं पर ऑक्सिजन सोख ली जाती है और कॉर्बन डाई ऑक्साइड निकाली जाती है।

हमारे शरीर के लिये ACE2 क्यो महत्वपूर्ण है?

      दरअसल ACE2 शरीर के बायोकेमिकल रास्तों का एक अहम हिस्सा है। यह ब्लड प्रेशर, घावों को भरने और सूजन को रेगुलेट करने में अहम भूमिका निभाता है। ACE2 एंजियोटेंसिन II यानी ANG II नाम के प्रोटीन के द्वारा की गई गतिविधियों को नियंत्रित करता है; जबकि ANG II ही ब्लड प्रेशर बढ़ने, सूजन और रक्त धमनियों की लाइनिंग्स को चोट पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होता है। इसके अलावा ACE2 का एक काम ANG II को अन्य अणुओं में बदलना भी है, जो ANG II के असर को कम करते हैं।

      कोविड-19 में, ANG II सूजन बढ़ा सकता है और एलवियोलाई की कोशिकाओं की मौत की वजह बनता है। ACE2, ANG II के इन्हीं दुष्प्रभावों को कम करता है। जब SARS-CoV-2 ACE2 से जुड़ता है, तो वह ACE2 को उसका काम करने से रोक देता है। यानी ANG II की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे टिश्यूज को नुकसान होता है। कोरोना वायरस के मरीजों में इसी वजह से खासतौर से फेफड़ों और दिल में चोट पहुंचती है।

क्या होता है प्रोटीन और इतना जरूरी क्यों है?      

‘प्रोटीन’ एक ग्रीक शब्द प्रोटीयोज से मिलकर बना है, जिसका मतलब है- प्राइमरी; यानी सबसे जरूरी। प्रोटीन अमीनो एसिड की छोटी-छोटी चेन से मिलकर बना होता है। आसान भाषा में समझें तो यह स्किन और मांसपेशियों में होने वाली टूट-फूट को रिपेयर करता है। इंसान के शरीर में एक लाख तरह के प्रोटीन होते हैं। इनमें हीमोग्लोबिन, किरेटिन और कोलेजन जैसे प्रोटीन शामिल हैं; जिनका शरीर के अलग-अलग हिस्सों से कनेक्शन होता है। जिस तरह से एक बिल्डिंग को तैयार करने के लिए ईंटों का होना जरूरी है, उसी तरह शरीर के लिए प्रोटीन अहम है। इसीलिए इसे “बिल्डिंग ब्लॉक्स ऑफ लाइफ” भी कहा जाता है।

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