नीचे के उद्वाहरण से समझें,
समाजवाद के प्रखर नेता अखिलेश यादव भैया जी के पिताजी स्कूल मास्टर थे, उस समय तन्ख्वाह रही होगी ज्यादा से ज्यादा 15-20 हजार उसी से घर चलाते थे। बहुत साधारण परिवार था, फिर राजनीति मे आ गये। उत्तर प्रदेश को मुख्यमन्त्री और भारत सरकार मे गृह मन्त्री भी बने और ये भाई जी मुलायम सिंह के लाउले खुद कभी कोई नौकरी किए नहीं, हाँ, 5 साल मुख्यमंत्री थे तो उसका तन्ख्वाह मिला होगा। तन्खाह इतनी भी नहीं होगी कि अलीशान जीवन जिया जाये।
अब भाई साहब अपनी इमानदारी के पैसे से 300 करोड़ रुपए की लागत वाला होटल खोल रहे हैं। बहुत बहुत बधाई ऐसे समाजवादी भैया जी को।
काश ! यही फार्मूला हमें भी मिल जाए कि बिना कमाए ही अरबपति बन जाएं, तो हम भी
क्रान्ति करेंगे। बदल देंगे बदल देंगे। हम भी कई सालों से कर रहे हैं, मगर किस्मत खुल ही नहीं रही।