हम
वानरों की पूजा करते हैं
सम्मान करते हैं उनका
राह जाते देते जाते हैं फल खाना या प्रसाद
हमें बताया गया है
वानर
राम जी की सेना थे
हमे बताया गया है
वानर ही
हमारे पूर्वज हैं
सत्ता ने बरगलाया उन्हें
कि राम जी के वानरों
संगठित हो जाओ
वानर
इनदिनों भूखे हैं
वानरों के पास नही बचे रोजगार
जंगल, पेड़ और छत,
वानर संगठित हुए
और हाइजैक हो गए
आका उन्हें बरगलाता है
और जहां-तहां हुड़दंग करवाता है
वानर पूर्वज थे
रामजी की सेना थे
यह लिहाज
न वानर समझते हैं
न हाइजैक करने वाले आका
होना तो इतना भर है एक दिन
कि
कोई इनका लिहाज करना छोड़ देगा
वीरेंदर भाटिया