भूटान के साथ शैक्षिक आदान-प्रदान भारत-भूटान के रिश्तों में साबित होगा मील का पत्थर- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
दो देशों के शिक्षा विभागों के बीच का संबध सबसे महत्वपूर्ण संबंध, जब दोनों देश एक दूसरे के स्कूलों से शिक्षा में किए गए उनके प्रयासों को सीखेंगे तो ये सही मायनों में दोनों देशों के बीच के सम्बन्ध को बनाएगा मजबूत-उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट जैसे करिकुलम स्टूडेंट्स में स्किल्स, क्रिटिकल थिंकिंग, नए इनोवेटिव डेवलप करने में मददगार ताकि वो स्वयं व समाज को कर सकें सपोर्ट- वांगपो तेनजिन, निदेशक, डिपार्टमेंट ऑफ़ करिकुलम एंड प्रोफेशनल डेवलपमेंट, भूटान
इकोनोमिकली वेल-इनफोर्मेड माइंडसेट के साथ ही हो सकता है एक मजबूत देश व समाज का निर्माण-उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
19 अप्रैल, नई दिल्ली
भूटान ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के क्रियान्वयन को समझते हुए इसे अपने स्कूलों में शामिल करने की जिज्ञाषा दिखाई है| इस दिशा में मंगलवार को शिक्षा निदेशालय द्वारा भूटान के शिक्षा विभाग और वहां शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में एक ओरिएंटेशन सेशन का आयोजन किया गया और उन्हें एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के क्रियान्वयन व उसकी सफलता के बारे में बताया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ख़ुशी है कि ऐसे शैक्षिक आदान-प्रदान से दोनों देश के संबंधों को और अधिक मजबूती मिलेगी व दोनों देशों को एक दूसरे से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा|
श्री सिसोदिया ने कहा कि “दिल्ली सरकार का एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम व शैक्षिक आदान-प्रदान भारत-भूटान के रिश्तों में एक नया मील का पत्थर साबित होगा है। यह हमारे शिक्षा निदेशालय के लिए गर्व का मौका है। उन्होंने कहा कि दो देशों के शिक्षा विभागों के बीच का संबध सबसे जरूरी संबंध होता है और जब दोनों देश एक दूसरे के स्कूलों से, शिक्षा में किए गए उनके प्रयासों से सीखेंगे तो ये सही मायनों में दोनों देशों के बीच के सम्बन्ध को मजबूत बनाएगा|” उन्होंने कहा कि शिक्षा के इस आदान-प्रदान में हमने भूटान से भी सीखा है और जब हमने अपने स्कूलों में हैप्पीनेस करिकुलम शुरू करने का सोचा, तो हमारी प्रेरणा का स्रोत भूटान भी रहा था। साथ ही भूटान के इंक्लूसिव असेसमेंट सिस्टम से भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा| उन्होंने कहा कि हमें खुशी होगी कि हमने जो सीखा है उसे भूटान के साथ साझा करें और मुझे पूरी उम्मीद है की इससे दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध स्थापित होंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इकोनोमिकली वेल-इनफोर्मेड माइंडसेट के साथ ही हम एक मजबूत देश व समाज का निर्माण कर सकते है और ये तभी हो सकता है जब हमारी अगली पीढ़ी मानसिक और आर्थिक रूप से खुश व संपन्न हो। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के स्कूल इसका उदाहरण है कि कैसे अपनी अगली पीढ़ी को आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सकता है।
भूटान के डिपार्टमेंट ऑफ़ करिकुलम एंड प्रोफेशनल डेवलपमेंट के निदेशक वांगपो तेनजिन ने कहा कि दिल्ली के माइंडसेट प्रोग्राम का हम भूटान में स्वागत करते है। कोरोना ने हम सभी को अनिश्चितता का सबक सिखाया है| इसे ध्यान रखते हुए एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट जैसा करिकुलम हमारे युवाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। ऐसे करिकुलम हमारे स्टूडेंट्स को स्किल्स, सोच, आइडियाज को बेहतर बनाने में मदद करेंगे ताकि वो खुद को एवम समाज को सपोर्ट कर सके।
उल्लेखनीय है कि इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम में भूटान में भारत के डिप्टी चीफ ऑफ़ मिशन नितिन सुभाष येओला, भूटान के डिपार्टमेंट ऑफ़ करिकुलम एंड प्रोफेशनल डेवलपमेंट के निदेशक वांगपो तेनजिन, भूटान के एंत्रप्रेन्योरशिप एंड सेल्फ एम्प्लॉयमेंट डिवीज़न के चीफ किनले दोरजी, दिल्ली के शिक्षा सचिव एच.राजेश प्रसाद, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, शिक्षा निदेशक के प्रधान सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा व अतिरिक्त शिक्षा निदेशक रीता शर्मा शामिल रही|