1) जब नरबलि पर रोक लगाई गई तब शैतान चिल्लाए कि धर्म खतरे में है!
2) जब नवविवाहिता का ब्राह्मण पुरोहितों द्वारा 3 दिन तक शुद्धीकरण प्रथा पर रोक लगाई गई, तब शैतान चिल्लाए धर्म खतरे में है!
3) जब सती प्रथा पर रोक लगी, तब शैतान जोर जोर से चिल्लाए, धर्म खतरे में है !
4) जब साहू जी महाराज ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया, तब शैतान चिल्लाए धर्म खतरे में है !
5) जब 1932 में एससी एसटी को प्रतिनिधित्व मिला तब शैतान चिल्लाए, कि धर्म खतरे में है !
6) जब ओबीसी को संविधान के अनुच्छेद 340 के अनुसार प्रतिनिधित्व देने की बात आई तो शैतान चिल्लाए धर्म खतरे में है ।
7) जब हिंदू कोड बिल आया तब शैतान चिल्लाए, धर्म खतरे में है!
8) जब अन्य पिछड़े वर्गों को प्रतिनिधित्व देने वाली काका कालेलकर कमिशन रिपोर्ट आई तब शैतान चिल्लाए धर्म खतरे में!
आज ओबीसी, एससी, एसटी समाज अपने आपको संगठित कर रहा है ! तो फिर शैतान चिल्ला रहे हैं कि धर्म खतरे में है!
अब आप को समझ जाना चाहिए कि धर्म खतरे में नहीं है। पाखंडवाद, शैतानवाद और शोषण की व्यवस्था खतरे में है, ब्राह्मणवाद सामंतवाद खतरे में है। इसलिए सभी मूलनिवासी भारतीयों एक हो जाओ। जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय संविधान जय भारत वर्ष महान जय बुद्धिजीवी तार्किक क्रांतिकारी इंसान।
(साभार)