केजरीवाल सरकार ने लैंडफिल साइट में बढ़ती आग की घटनाओ को रोकने के लिए मुंबई के गैस सकिंग मॉडल पर काम करने का दिया निर्देश

दैनिक समाचार
  • मुंबई के डंपिंग स्थल में लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने के लिए डीपीसीसी और एमसीडी को दिए गए निर्देश- गोपाल राय
  • लैडफिल साइट पर आग की घटनाओ के समाधान को लेकर दिल्ली सचिवालय में विशेषज्ञों और सभी सम्बंधित विभागों के साथ उच्चस्तरीय बैठक
  • *डीपीसीसी और एमसीडी की संयुक्त टीमें जाएंगी मुंबई -एंटी ओपन बर्निंग अभियान के तहत 10 विभागों की 500 टीमें तैनात
  • लैंडफिल साइट के लगातार निरीक्षण के लिए डीपीसीसी और एमसीडी की टीमों को दिए गए निर्देश-गोपाल राय नई दिल्ली, 21 अप्रैल 2022

दिल्ली सचिवालय में लैंडफिल साइट्स को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में आज डीपीसीसी, एमसीडी, आईआईटी दिल्ली, पर्यावरण विभाग, टेरी, सीएसई, आईजीएल , गेल और अन्य सभी सम्बंधित विभागों के एक्सपर्ट के साथ उच्चस्तरीय बैठक की गई | इस बैठक में लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग लगने की घटनाओं को लेकर सभी पहलुओं पर चर्चा की गई |
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस बैठक में आईसीएआर- आईएआरआई के भूपिंदर सिंह और शिव प्रसाद , आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर मनोज दत्ता , सीएसई से अतिन बिस्वास और डॉ. ऋचा सिंह , आईजीएल से नरेंद्र पांडेय , गौरव शर्मा और सुशांत चौधरी , टेरी से सुनील पांडेय , गेल से आशु सिंघल और संजीव कुमार जैसे कई विशेषज्ञ शामिल हुए | सभी विभागों के विशेषज्ञों के साथ विचार- विमर्श के बाद मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने का फैसला लिया गया है | इसी के साथ डीपीसीसी और एमसीडी की संयुक्त टीमों को भी मुंबई जाने के निर्देश जारी किए गए है | और साथ ही लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग की घटनाओं को रोकने लिए डीपीसीसी और एमसीडी की टीमों को सतत निरीक्षण के आदेश भी दे दिए गए है |

-मुंबई के डंपिंग स्थल में लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने के निर्देश

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने लैंडफिल साइट्स पर लगने वाली आग की घटनाओं पर अपनी गंभीरता जताते हुए बताया कि दिल्ली में इस समस्या से स्थाई रूप से नियंत्रण पाने के लिए मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे हुए गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने के लिए डीपीसीसी और एमसीडी को निर्देश दिए गए है | इस गैस सकिंग सिस्टम से कूड़े से लगातार निकलने वाली मीथेन गैस पर नियंत्रण पाया जा सकेगा | उन्होंने कहा कि लैंडफिल साइट्स में आग लगने का सबसे बड़ा कारण उसमे से लगातार निकलने वाली मीथेन गैस है, जो ना केवल आग कि घटनाओं को बढ़ावा देती है बल्कि वायुमंडल के लिए भी हानिकारक है |
सभी विभागों के विशेषज्ञों के साथ हुई बैठक में कई तत्कालीन सुझावों पर भी विचार किया गया ताकि जल्द से जल्द उनपर कार्रवाई कर आग की घटनाओं को रोका जा सके | बैठक के दौरान विशेषज्ञों के साथ हुई चर्चा में गैस के अनियंत्रित उत्सर्जन की रोकथाम के लिए गैस के कुँए लगाने , कूड़े को लगभग 10 सेंटीमीटर तक मिट्टी से ढ़कने , 6 तरीकों से कचरा पृथक्करण (सेग्रीगेशन) करना जैसे सुझावों के बारे में भी विचार किया गया | गैस सकिंग सिस्टम की जानकारी लेने के लिए डीपीसीसी और एमसीडी की संयुक्त टीमों को मुंबई जल्द से जल्द भेजने के आदेश जारी कर दिए गए है |

-एंटी ओपन बर्निंग अभियान के तहत 10 विभागों की 500 टीमें तैनात

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एंटी ओपन बर्निंग अभियान पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि इस अभियान के तहत पूरी दिल्ली में 10 विभागों की 500 टीमें तैनात की गई है | जो ओपन बर्निंग से सम्बंधित सभी उचित कार्रवाई के साथ-साथ चौबीसो घंटे निरीक्षण करने का काम भी कर रही है |

-डीपीसीसी और एमसीडी की टीमों को लैंडफिल साइट्स के सतत निरीक्षण के निर्देश

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि लैंडफिल साइट्स में आग लगने कि घटनाओं कि रोकथाम के लिए एमसीडी और डीपीसीसी कि टीमों को 24 घंटे निगरानी रखने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए है | यह टीमें ना केवल लैंडफिल साइट्स का सतत निरीक्षण करेंगी बल्कि आग की घटनाओं को रोकने का भी काम करेंगी | दिल्ली सरकार सभी तरह का प्रयास कर रही है जिससे दिल्ली को ना केवल प्रदूषण मुक्त बल्कि स्वच्छ भी बनाया जा सके |

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