सरकार की महंगाई के कारण घरों में भयंकर कलह

दैनिक समाचार

यह सच्चाई है कि पिछले कुछ महीनों से निरंतर बढ़ रही महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी के कारण अधिकतर सामान्य हिंदू परिवारों के घर के अंदर भयंकर मारपीट शुरू हो गई है। परिवार के सदस्यों के बीच में ही गाली गलौज कलह, छीना झपटी, चोरी बेईमानी भी शुरू हो गई है।
इसके कारण घर की महिलाएं काफी परेशान हो गई हैं । पैसे की कमी के कारण घर के बेरोजगार लड़के और उनके पिता के बीच में गाली गलौज, मारपीट और पॉकेट मारी शुरू हो गई है। बेरोजगारी से परेशान लड़के घर के ही कीमती वस्तुएं चुरा कर बाहर बेचने लगे हैं।
फ्रस्ट्रेशन के कारण, बेरोजगारी के कारण उनमें नशे की आदत लग गई है। भांग, गांजा के अलावा शराब और जुए के धंधे की तरफ चले गए हैं। खुद भी नशे करते हैं और नशे के कारोबार में मामूली ढुलाई एजेंट बन कर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं।
कई बार उनकी पुलिस से गिरफ्तारी हो रही है । पिटाई हो रही है । घर में पत्नी मां के जेवर चुरा रहे हैं। पिता के पाकेट से पैसे निकाल ले रहे हैं । खुद ही घर की साइकिल, मोटरसाइकिल चोरी कर बेच दे रहे हैं और बाहरी चोरों पर इल्जाम लगा रहे हैं।
इन सब का राज खुलने पर घर में ही मारपीट हो रही है । अब सारे सदस्य घर के बचे दो तीन अधेड़ या बुजुर्ग मोदी भक्तों की जम की पिटाई भी कर दे रहे हैं ।
जबकि वे खुद मोदी के भक्त रहे, वोटर रहे, समर्थक रहे थे। अब यह लोग वर्तमान में मोदी की प्रशंसा सुनते ही जूतम पैजार शुरू कर देते हैं। मारपीट, गाली-गलौज का भयंकर माहौल गली मोहल्लों में दिखने लगा है।
खासकर सवर्ण और अति पिछड़े हिंदू जाति के मुहल्लों में मारपीट गाली-गलौज की घटनाएं बढ़ गई हैं।
मध्यवर्गीय हिंदू परिवारों में भी मोदी गाली दिए जाने लगे हैं। मोदी के पोस्टर फाड़ दिए जाने लगे हैं। भाजपाइयों की प्रशंसा सुनते ही पूरे घर के लोग भड़क जाते हैं और प्रशंसा करने वाले की पिटाई शुरू हो जा रही है। हालत क्या हो गई है कि बाहर भाजपा के पक्ष में या धार्मिक शोभायात्रा जुलूस में शामिल होने के लिए भी फुल पेमेंट लेने के बाद ही लड़के शामिल होते है।
ऐसे लड़के बाहर नारेबाजी करने के दौरान चंद मिनटों के लिए भगवा पहनते हैं । पैसे के पेमेंट और जुलूस खत्म होते ही भगवा वस्त्र उतार के लपेटकर पॉकेट में रख लेते हैं ।
बहुत बुरी स्थिति हो गई है गरीबी और महंगाई के कारण हिंदुओं की स्थिति बुरी है, क्योंकि बीड़ी, पंचर बनाने वाला, मेहनत का काम करने वाला मुसलमान तो ठीक-ठाक कमा ले रहा है । महंगाई बढ़ने पर वह भी अपना रेट बढ़ा देता है। लेकिन गरीब हिंदुओं की माली हालत बिल्कुल खराब होते जा रही है।
उसे नौकरी भी नहीं है। पिताजी की नौकरी से छुट्टी हो गई है। नई नौकरी मिली नहीं । है एक दो लड़कों को मिली हुई है तो 8 या ₹10, 000 की मिली है । उसमें घर चलना मुश्किल है। इसी पैसे की कमी के कारण लगभग प्रत्येक घर में गृह कलह बढ़ गया है।
घर में अपने ही भाइयों और चाचाओं के हाथों पीटे जाने के बाद से यह मूर्ख अंधभक्त अनपढ़ लोग बाहर गली में चौराहा पर खड़े होकर मुसलमानों को गाली देते हैं, क्योंकि इनकी घर में पिटाई हो गई रहती है।
इसलिए यह मजबूरी में बौखलाहट में बाहर दूसरे समुदाय के लोगों को गाली देते हैं । लेकिन सबसे बड़ी बात है कि खुद अंधेरे में उन्हें अल्पसंख्यक समाज के लोगों द्वारा भी अचानक पिटाई का शिकार हो जाते हैं।
मतलब धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का। बाहर भी लौंडे पीट देते हैं और घर के लौंडे भी पीटते हैं। वाकई अंध भक्तों की बहुत बुरी दुर्गति हो रही है और मोदी बाबू बचाने भी नहीं आ रहे हैं। कोई संघी बचाने नहीं आ रहा है।

(साभार)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *