?दो आदिवासियों की हत्या पर ?माकपा प्रतिनिधि मंडल की जांच रिपोर्ट

दैनिक समाचार


4 और 5 मई को हमारी पार्टी के राज्य सचिव मंडल के सदस्य रामनारायण कुररिया, सिवनी के जिला सचिव अनिल सल्लाम, बालाघाट के जिला सचिव भूपेन्द्र पटले और युवा नेता प्रहलाद यादव, स्वदेश पटेल, मनील सोनी ने घटना स्थल का दौरा कर सभी पक्षों से मुलाकात कर निम्नलिखित रिपोर्ट जारी की।
1.सिवनी जिले के पुलिस थाना कुरई की पुलिस चौकी बादलपार के गांव सिमरिया में दो आदिवासियों की 2 और 3 मई दरमियानी रात में करीब 2.00 से 2.30 बजे के बीच लाठी डण्डों से बर्बरता से पिटाई की गई। जिसमें दोनों की सुबह 5.30 बजे और सुबह 6.00 बजे कुरई सरकारी अस्पताल में मृत्यु हो गई। मरने वालों में धनासराम इनवती ग्राम सिमरिया और सम्पत बट्टी गांव सागर का है।

  1. धनासराम उर्फ धनसा के परिजनों ने बताया कि वह जब रात को घर में सो रहे थे, तब करीब बीस लोगों ने जो बजरंग दल, राम सेना के नारे लगा रहे थे, घर में घुसे और धनसा को पीटते हुए बाहर ले गए। जब धनसा की पत्नि फूलवती ने उसे बचाने की कोशिश की तो उसके साथ भी मारपीट की। उसके कपड़े भी फाड़ दिए गए।
  2. यह लोग अपने साथ सागर गांव के संपत बट्टी को भी पकड़ कर लाए थे। हमलावर बजरंग दल, राम सेना के नारे लगाते हुए कह रहे थे कि इन्होंने गाय काटी है।
  3. जब वह मारपीट कर रहे थे तो पड़ोस में रहने वाले बृजेश की नींद खुल गई, जब वह बीच बचाव कराने आया तो उसके साथ भी मारपीट की। उसके हाथ में चोट आई। इस हो हल्ले में गांव वाले भी उठ गए। सबने कहा कि क्यों मार रहे हो। यदि अपराध किया है तो इन्हें पुलिस में दो। तब पुलिस बुलवाई गई। तीनों घायलों धनसा, संपत और बृजेश को पुलिस की गाड़ी में बिठाकर ही कुरई सरकारी अस्पताल भेजा गया।
  4. गांव वालों और परिजनों का कहना है कि धनसा और संपत भी बिना सहारे के पुलिस की गाड़ी में बैठे। वे घायल थे, लेकिन तब उनकी स्थिति से ऐसा नहीं लग रहा था कि उनकी मृत्यु हो जाएगी। कुरई अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
  5. धनसा के परिवार में पत्नि फूलवती, बेटा जयप्रकाश और बेटी कन्याकुमारी है। बेटी की शादी हो चुकी है। जयप्रकाश की उम्र 26 साल है। बेटे की शादी हो चुकी है और दो बच्चे हैं। धनसा की उम्र 45 से 50 साल के बीच रही होगी। धनसा के पास 4 एकड़ असिंचित भूमि है, इसलिए परिवार चलाने के लिए उसे मजदूरी करनी पड़ती थी। वह नागपुर में मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालता था।
  6. गांव में जानकारी करने पर पता चला कि धनसा शांतिप्रिय नागरिक था। उसके खिलाफ किसी भी पुलिस थाने में कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं है। न ही गांव में उसका कभी किसी से झगड़ा हुआ है।
  7. दूसरा मृतक संपत बट्टी सागर गांव का रहने वाला है। उसके पास साढ़े तीन एकड़ असिंचित जमीन है। वह भी मजदूरी करता है। उसके परिवार में वृद्ध मां, पत्नी और 2 बेटियां हैं। बड़ी बेटी सीमा 16 और छोटी बेटी सोनल 14 साल की होगी। संपत के खिलाफ भी 4/210/21 का एक ही मामला दर्ज है, जो अभी विचाराधीन है।
  8. कुरई अस्पताल में सुबह 5.30 से 6.00 बजे के बीच पहले धनसा और उसके आधे घंटे के बाद संपत की मृत्यु हो गई। इसकी रिपोर्ट इस हादसे में घायल बृजेश ने ही कुरई थाने में सुबह 7.32 पर की। बृजेश ने छह नामजद आरोपियों के साथ करीब 15-20 अज्ञात लोगों की रिपोर्ट लिखवाई है। नामजद आरोपियों में शेर सिंह राठौर, अजय साहू, वेदांत चौहान, दीपक अवधिया, बसंत रघुवंशी और रघुनंदन रघुवंशी हैं। इन सबका संबंध बजरंग दल,आरएसएस, राम सेना और विश्व हिंदू परिषद से है। अपराधियों फोटो वाले होर्डिंग्स और भाजपा नेताओं के साथ इनके फोटो अभी भी लगे हुए हैं।
  9. प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा। वार्ता के दौरान लगा कि प्रशासन राजनीतिक दबाव में हत्यारों को बचाने की कोशिश कर रहा है। वह अपराधियों के राजनीतिक संबंधों और उन संगठनों का नाम भी नहीं ले रहा है, जिन्होंने यह हत्यायें की हैं।
  10. प्रशासन के दबाव में काम करने का प्रमाण इससे भी मिल रहा है कि पुलिस ने सिमरिया गांव से 20 किलो मांस जब्त करने का दावा किया है। जबकि गांव वालों का कहना है कि किसी भी घर से कोई भी मांस बरामद नहीं हुआ है। पुलिस प्रशासन की यह हरकत ही अपराधियों को बचाने और मृतक आदिवासियों और उनके परिजनों को अपराधी घोषित करने की है।
  11. पुलिस प्रशासन का पक्षपात रवैया इससे भी स्पष्ट हो जाता है कि पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। एक एफआइआर तो बृजेश की ओर से है, जिसका उल्लेख ऊपर किया जा चुका है, जबकि दूसरी एफआइआर बादलपार पुलिस चौकी के एएसआइ की ओर से है, जिसमें समय का कोई उल्लेख नहीं है, उसमें कहा गया है कि शेरा राठौर ने उन्हें फोन पर जानकारी दी कि सिमरिया में गौमांस पकडऩे की सूचना प्राप्त हुई है। मौके पर पहुंच कर पता चला कि श्री राम सेना के सदस्य तीन लोगों को घेरे बैठे थे, उनमें से दो धनसा और संपत अधिक चोटे होने के कारण बेहोश थे। इनसे कुछ दूरी पर प्लास्टिक की बोरी में करीब 20 किलो गौमांस रखा हुआ था,उसमें खून लगी कुल्हाड़ी और हंसिया था। इसमें राम सेना के शेरा राठौर और अजय साहू को गवाह बनाया गया। आरोपी धनसा और संपत के खिलाफ गौवंश वध का अपराध दर्ज की लिया गया।
  12. पहली और दूसरी रिपोर्ट के बीच के विरोधाभास यह है कि जब घटना स्थल पर कई गांववासी थे तो फिर राम सेना के लोगों को ही गवाह क्यों बनाया, जबकि वह हत्या के आरोपी हैं। दूसरा बिना फोरहेंसिक जांच के पुलिस ने यह कैसा मान लिया कि मांस गाय का ही है, जबकि गांव वालों का कहना है कि मांस बरामद नहीं हुआ है। तीसरी बात यह है कि जब पुलिस एएसआइ ने स्वीकार किया है कि अधिक चोटों के कारण धनसा और संपत बेहोश थे तो पुलिस ने उन्हें मारने वालों के खिलाफ रिपोर्ट क्यों नहीं लिखी। चौथी बात यह है कि जब रामसेना के लोग तीन लोग घेरे खड़े थे, तीनों को चोटें थी तो एफआइआर 2 के खिलाफ ही क्यों की गई जबकि वे दोनों बेहोश थे। जब एफआइआर में ही पुलिस ने राम सेना का उल्लेख किया है तब गृहमंत्री और पुलिस अधीक्षक का यह कहना कि अपराधियों के बजरंग दल या राम सेना में होने की विवेचना हो रही है, अपराधियों को बचाने की कोशिश है। अंतिम बात यह है कि यदि गाय काटी गई है तो उसकी खाल, सींग, पूंछ, पांव और वेस्ट मटेरियल कहां है।
  13. सिवनी मामले में गृहमंत्री का बयान भी अपराधियों को बचाने और आदिवासियों को अपराधी साबित करने की साजिश का है। गृहमंत्री ने कहा है कि प्रथम दृष्टि से यह मामला गौकशी का है। दूसरी ओर अपराधियों के बारे में उनका कहना है कि बजरंग दल और राम सेना के साथ उनके संबंधों की विवेचना हो रही है। जबकि राम सेना के प्रदेश प्रमुख ने वीडियो जारी कर इस हत्या की जिम्मेदारी ली है।
  14. पुलिस प्रशासन के बयान भी विरोधाभासी और प्रशासन की निष्पक्षता पर संदेह करने वाले हैं। उदाहरण के लिए पुलिस अधीक्षक का कहना है कि अपराधियों के बजरंग दल या राम सेना के साथ रिश्तों की जांच हो रही है। उधर कुरई पुलिस थाना प्रभारी ने कहा है कि अभी तक पकड़े गए 12 लोगों में से 3 बजरंग दल और 6 राम सेना के हैं।
  15. दो आदिवासियों की अमानवीय हत्या के बाद भी सरकार और प्रशासन का मनुवादी रवैया जारी है। घोषणा के बावजूद प्रशासन द्वारा घोषित 8 लाख 25 हजार रुपए की राशि अभी तक मृतक के परिजनों के खाते में नहीं पहुंची है। प्रशासन द्वारा दोनों मृतकों के परिवार के एक-एक सदस्य को चतुर्थ श्रेणी की नौकरी देने की घोषणा भी अधूरी है। धनसा के बेटे और संपत की पत्नी को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की नौकरी ही दी गई है। स्थाई नौकरी नहीं दी गई है।
  16. जांच से पहले ही और जांच को प्रभावित करने के लिए भाजपा नेता हत्यारों के पक्ष में बयान दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी सिवनी का दौरा कर कहा है कि हत्यारों का बजरंग दल या राम सेना से कोई संबंध नहीं है।
  17. भाजपा का मनुवादी रवैया इससे भी समझ में आ जाता है कि खरगोन में घायल शिवम शुक्ला से तो मुख्यमंत्री ने बात की। उनके परिवार की बेटी की शादी का जिम्मा भी लिया। मगर उन्होंने मृतक इदरीस के परिजनों से बात नहीं की। सिवनी में भी यही हो रहा है। गृहमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक अपराधियों के बचाव के लिए तो बयान दे रहे हैं, मगर किसी भी मंत्री, मुख्यमंत्री या नेता के पास मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने का समय नहीं है।
    19.भाजपा और संघ परिवार प्रदेश भर में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने के लिए दंगे करने की साजिशें रच रहे हैं। जब सिवनी में 2 आदिवासियों की पीट पीट कर हत्या की जा रही थी, उसी समय बुरहानपुर में भाजपा नेता प्रहलाद चौहान के भतीजे सतीश चौहान ने हनुमान मंदिर में हनुमान और पास में ही राम मंदिर की मूर्ति को खंडित किया। कालोनी के सहयोग और पुलिस के तुरंत सक्रिय होने से अपराधी को पकड़ लिया गया। मगर उसके बाद भी पुलिस ने 2 दिन तक एफआईआर नामजद करने की बजाय उसे अज्ञात ही बनाए रखा। बाद में सोशल मीडिया पर सब वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने ट्वीट कर कहा कि अपराधी किसी भाजपा नेता का रिश्तेदार नहीं है। जबकि सोशल मीडिया पर अपराधी के जन्मदिन पर भाजपा जिलाध्यक्ष के बधाई संदेश फोटो सहित वायरल हो रहे हैं। जिससे साफ है कि प्रशासन भाजपा और संघ के आपराधिक और समाज को तोड़ने वाले कृत्यों को संरक्षण देने का काम कर रहा है।
  18. भाजपा कैसे साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है, इसका उदाहरण खंडवा भी हैं। प्रदेश भर में हो रहे विधायक कप टूर्नामेंट में भाजपा विधायक देवेन्द्र वर्मा ने ऐलान किया कि कोई मुस्लिम टीम या मुस्लिम खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाएगा।
    भाजपा के हिंदुत्व का यह असली रूप है, वह सिर्फ मुसलमानों के ही खिलाफ नहीं है। मालवा में ही उज्जैन जिले के गांव चांदवासला, धार जिले के बदनावर पुलिस थाना के अंतर्गत गांव खंडीगारा, उज्जैन जिले के ही पुलिस थाना भाट पचलाना के गांव बर्दिया में दलित दूल्हों को घोड़ी पर न बैठने देने या सिवनी में आदिवासियों की हत्या, रीवा में आदिवासियों के झोपड़े जलाना यह साबित करती है कि उनका मनुवादी का एजेंडा दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और महिलाओं के खिलाफ भी है।
    मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी मांग करती है कि:
  19. हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले राम सेना के प्रदेश प्रमुख पर भी हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। सारे अपराधियों को पकड़ा जाए और उनके राजनीतिक संबंधों और संगठनों को उजागर किया जाए।
  20. पुलिस किसी दबाव में आने की बजाय निष्पक्षता से काम करे।
  21. पशु व्यापार पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए।
  22. मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा और एक एक सदस्य को स्थाई सरकारी रोजगार दिया जाए।
  23. हम बुलडोजर संस्कृति के विरोधी हैं। मगर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। हम दोनों मृतकों के परिजनों के साथ घायल बृजेश के परिजनों को भी सुरक्षा देने की मांग करते हैं।
  24. गृहमंत्री को विरोधाभासी और साम्प्रदायिक धु्रवीरकरण करने वाले बयानों से साफ है कि संविधान के प्रति नहीं बल्कि संविधान विरोधी संघ के प्रति जवाबदेह हैं।

▶️जसविंदर सिंह – राज्य सचिव – 9425009909 ▶️रामनारायण कुररिया
राज्य सचिव मंडल सदस्य

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