केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने आज मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (एमओआईएल) के साथ भारत में मैंगनीज अयस्क के उत्पादन के विकास की समीक्षा की। इस अवसर पर इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इस्पात मंत्री श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने एमओआईएल को मैंगनीज अयस्क के उत्पादन को प्राप्त पर्यावरण मंजूरी (ईसी) सीमा के स्तर तक बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाने और बिना किसी और देरी के जारी परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।
एमओआईएल के अधिकारियों ने बताया कि देश में मैंगनीजअयस्क का कुल भंडार 93 मिलियन टन है, जिसमें से एमओआईएल का 33.14 मिलियन टन (लगभग 36%) है।मैंगनीज अयस्क के संसाधन दस राज्यों अर्थात् आंध्र प्रदेश,गोवा,गुजरात,झारखंड,मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र, ओडिशा,राजस्थान और पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में फैला है। एमओआईएल अभी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मैंगनीज अयस्क निकालने का काम कर रहा है और इसने वर्ष 2020-21 के दौरान भारत के कुल उत्पादन के 24.8 लाख टन में से 11.43 लाख टन का उत्पादन किया।
राष्ट्रीय इस्पात नीति, 2017 के अनुसार,कच्चे इस्पात की अनुमानित क्षमता 300 मिलियन टन होगी। इस्पात की इस घरेलू मांग को पूरा करने के लिए मैंगनीज अयस्क की आवश्यकता 2030 तक 6.50 मिलियन मीट्रिक टन होगी। हालांकि,लगभग 1.40 मिलियन मीट्रिक टन लौह मिश्र धातुओं के निर्यात के लिए मैंगनीज अयस्क की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, साल 2030 तक कुल 10 मिलियन मीट्रिक टन मैंगनीज अयस्क की आवश्यकता होगी। इसे देखते हुए एमओआईएल ने वर्ष 2029-30 तक अपने उत्पादन को 3.5 मिलियन मीट्रिक टन तक बढ़ाने की योजना बनाई है।
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