द्वारा : इं. एस. के. वर्मा
वर्तमान राजनेताओं में केजरीवाल जैसा दूसरा कोई भी नहीं!
जो केवल और केवल नागरिकों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार व सुरक्षा के लिए काम करता हो।
कुछ लोग वास्तव में राजनीति को कैरियर बनाने और आजीविका चलाने का माध्यम समझकर राजनैतिक पार्टियों में सम्मिलित होते हैं अथवा खुद की पार्टी बनाकर धन कमाने की लालसा रखते हैं।
इंजीनियर केजरीवाल इनकमटैक्स कमिश्नर जैसे प्रतिष्ठित पद को छोड़कर सत्ता में आये हैं। जहां पहुंचने का सपना करोड़ों युवाओं का होता है और कभी पूरा नहीं हो पाता है।
सत्ता में आने के बाद नये नये कीर्तिमान बनाकर तथा घोटाले और भ्रष्टाचार में दिया जाने वाला जनता का पैसा बचाकर सुविधाएं देना, वास्तव में काबिल ए तारीफ काम है।
लेकिन संघ से जुड़े रहे हैं इसलिए देखते हैं, कब तक संघ की नीतियां और सिद्धांत से ऊपर उठकर जनता और देश हितैषी कार्य करते हैं। क्योंकि कई बार व्यक्ति भीड़ से अलग दिखने और अपनी अलग विशेष पहचान बनाने के लिए भी ऐसे कार्य करता है।
जैसे जियो ने तब तक जनता को मुफ्त का डाटा दिया, जब तक कि दूसरी कंपनियों के ग्राहक या नये उसके करोड़ों लोग जियो के ग्राहक नहीं बन गये! लेकिन अब सब एक समान व्यवहार कर रहे हैं।
यह सच है कि राजनीति भी व्यवसाय और दुकानदारी की तरह ही एक पेशा बनकर उभरी है। यह पेशा कुछ सालों के त्याग, समर्पण और सेवा से ही व्यक्ति को इतना कुछ हासिल करा सकता है कि कई जन्मों तक पाने के लिए भी लोग तरसते हैं और मिन्नतें मांगते हैं। क्योंकि राजनीति में जितनी प्रसिद्धि, सम्मान और सुरक्षा व सुविधाएं एवं समृद्धि शायद ही किसी और पेशे में नहीं है।
इसीलिए युवाओं की पहली पसंद राजनीति बनती जा रही है। तमाम इंजीनियर, डाक्टर, प्रोफेसर और वकील, साधू और संन्यासी हर कोई राजनेता बनना चाहता है और प्रयास भी कर रहे हैं। क्योंकि नेताओं से कई गुना अधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम तो किसी फैक्ट्री के सुपरवाइजर को करनी पड़ती है, लेकिन मिलता क्या है?
यह बात और कि केजरीवाल द्वारा लिए गये एतिहासिक निर्णयों को इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में ज़रुर लिखा जाएगा। क्योंकि कुछ व्यक्ति किसी भी परिस्थिति और पद पर कार्यरत क्यों न हों, विवशता होने के बावजूद भी वह अपने संस्कारों और नीतियों से समझौता नहीं करते।
फिलहाल ऐसे ही कार्यों के लिए केजरीवाल सरकार को जाना जाता है।